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वनतारा पर SIT की जांच में क्या सामने आया? सुप्रीम कोर्ट ने क्या निर्देश दिए? जानें पूरी बात

सुप्रीम कोर्ट ने वनतारा के खिलाफ सभी आरोप खारिज करते हुए SIT रिपोर्ट को पूरी तरह स्वीकार किया है। जांच में कोई कानूनी उल्लंघन नहीं पाया गया और वनतारा की पशु देखभाल अंतरराष्ट्रीय मानकों से बेहतर बताई गई।

Edited By: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Published : Sep 16, 2025 02:48 pm IST, Updated : Sep 16, 2025 02:48 pm IST
Vantara Supreme Court verdict, Vantara SIT report- India TV Hindi
Image Source : PTI FILE सुप्रीम कोर्ट ने वनतारा के खिलाफ सभी आरोप खारिज कर दिए हैं।

जामनगर: सुप्रीम कोर्ट ने वनतारा (ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर और राधे कृष्ण टेम्पल एलिफेंट वेलफेयर ट्रस्ट) के खिलाफ लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) की रिपोर्ट को पूरी तरह स्वीकार करते हुए वनतारा के पशु कल्याण और संरक्षण प्रयासों की जमकर तारीफ की। साथ ही, बार-बार एक ही तरह की शिकायतों को प्रक्रिया का दुरुपयोग करार देते हुए भविष्य में ऐसे मामलों पर रोक लगा दी। SIT की जांच में कई अहम चीजें सामने आईं जिन्होंने मामले को पूरी तरह साफ कर दिया।

जांच में क्या सामने आया?

सुप्रीम कोर्ट ने 25 अगस्त 2025 को वनतारा के खिलाफ गंभीर आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम गठित की थी, जिसमें रिटायर्ड जज और सीनियर अधिकारी शामिल थे। SIT ने सेंट्रल जू अथॉरिटी (CZA), CBI, ED, DRI, कस्टम्स, और CITES जैसी भारतीय और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर गहन जांच की। रिकॉर्ड्स, हलफनामों, साइट विजिट, एक्सपर्ट ओपिनियन, और व्यक्तिगत सुनवाई के आधार पर SIT ने निम्नलिखित निष्कर्ष दिए:

  • कानूनी उल्लंघन नहीं: वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972, जू नियम, CZA दिशानिर्देश, कस्टम्स एक्ट, FEMA, PMLA, और CITES का कोई उल्लंघन नहीं पाया गया। सभी जानवरों का अधिग्रहण और आयात पूरी तरह से वैध और दस्तावेजी तौर पर सही था।
  • पशु कल्याण और सुविधाएं: वनतारा की सुविधाएं पशु कल्याण, देखभाल, और पशु चिकित्सा के निर्धारित मानकों से कहीं बेहतर हैं। मृत्यु दर वैश्विक चिड़ियाघर औसत के अनुरूप है। ग्लोबल ह्यूमेन सोसाइटी ने वनतारा को 'ग्लोबल ह्यूमेन सर्टिफाइड सील ऑफ अप्रूवल' प्रदान किया है।
  • वित्तीय आरोप बेबुनियाद: कार्बन क्रेडिट, पानी के दुरुपयोग, या मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप पूरी तरह निराधार पाए गए। फंड के अनुचित प्रवाह या तस्करी से कोई संबंध नहीं मिला।
  • बार-बार की शिकायतें: कोर्ट ने कहा कि वनतारा के खिलाफ पहले भी इस तरह के आरोप लगे, जो सभी बेबुनियाद साबित हुए। ऐसी अटकलबाजी वाली याचिकाओं को प्रक्रिया का दुरुपयोग करार दिया गया।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में क्या दिए निर्देश?

सुप्रीम कोर्ट ने SIT की रिपोर्ट को पूरी तरह स्वीकार करते हुए निम्नलिखित निर्देश जारी किए:

  • SIT की पूरी रिपोर्ट को सील कर दिया गया है, लेकिन इसका सारांश गोपनीय नहीं है और कोर्ट के आदेश का हिस्सा है। वनतारा को आंतरिक इस्तेमाल के लिए पूरी रिपोर्ट दी जाएगी।
  • अनुसूची A में उल्लिखित सभी शिकायतें और याचिकाएं बंद कर दी गईं।
  • एक जैसे आरोप पर आधारित भविष्य की कोई भी शिकायत किसी भी मंच पर स्वीकार नहीं की जाएगी।
  • वनतारा और संबंधित प्राधिकरणों को SIT के सुझाए गए उपायों को लागू करना होगा।
  • वनतारा को मानहानिकारक प्रकाशनों के खिलाफ कानूनी उपाय करने की छूट दी गई है।
  • SIT के सदस्यों (सेवारत IRS अधिकारी को छोड़कर) को उनके कार्य के लिए सम्मान राशि दी जाएगी।

SIT ने किन चीजों की जांच की थी?

सुप्रीम कोर्ट ने वनतारा के खिलाफ अनियमितताओं की शिकायतों पर 2 जनहित याचिकाओं की सुनवाई करते हुए एक पूर्व जज की अध्यक्षता में 4 सदस्यीय SIT बनाई थी। SIT को भारत और विदेश से पशुओं, खासकर हाथियों, को लाने, वन्यजीव संरक्षण कानूनों, चिड़ियाघर नियमों, आयात-निर्यात कानूनों और अंतरराष्ट्रीय समझौतों के पालन की जांच करने को कहा गया था। साथ ही, पशुओं की देखभाल, कल्याण, मृत्यु दर, जलवायु परिस्थितियों, औद्योगिक क्षेत्र के पास स्थान, निजी संग्रह, प्रजनन, संरक्षण और जैव विविधता के उपयोग से जुड़ी शिकायतों की जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया था।

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