Wednesday, April 17, 2024
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भारत में जहरीली हवा ने ली 1 लाख बच्‍चों की जान, दिल्ली में वायु गुणवत्ता खतरे के स्तर पर

पांच साल से कम उम्र के बच्‍चों की मौत के मामले में भारत ने पूरी दुनिया को पीछे छोड़ दिया है। दरअसल, इन बच्‍चों की मौत की वजह पीएम 2.5 है जो वायु प्रदूषण के कारण तेजी से बढ़ रहा है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: October 30, 2018 7:06 IST
दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में, भारत में जहरीली हवा ने ली 1 लाख बच्‍चों की जान- India TV Hindi
दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में, भारत में जहरीली हवा ने ली 1 लाख बच्‍चों की जान

नई दिल्ली: दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में पिछले 24 घंटों में भारी मात्रा में पराली जलाए जाने से राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता गिरकर खतरे के स्तर पर पहुंच गई है। अधिकारियों ने बताया कि 10 इलाकों में प्रदूषण का स्तर बहुत गंभीर दर्ज किया गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 367 दर्ज किया गया जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है।

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वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा कि भारत में वर्ष 2016 में 1,10,00 बच्‍चों की मौत हो गई। रिपोर्ट के मुताबिक इन बच्‍चों की मौत का संबंध भारत की लगातार जहरीली होती जा रही हवा से है। यही नहीं पांच साल से कम उम्र के बच्‍चों की मौत के मामले में भारत ने पूरी दुनिया को पीछे छोड़ दिया है। दरअसल, इन बच्‍चों की मौत की वजह पीएम 2.5 है जो वायु प्रदूषण के कारण तेजी से बढ़ रहा है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि खाना पकाने से घर के अंदर होने वाले वायु प्रदूषण और घर के बाहर के वायु प्रदर्शन से दूनिया भर में भारत जैसे निम्न और मध्यम आय वर्ग के देशों में बच्चों के स्वास्थ्य को भारी नुकसान पहुंचा है।

WHO ने अपने अध्ययन में कहा, ‘‘दूनिया भर में, निम्न और मध्यम आय वर्ग के देशों में पांच साल से कम उम्र के 98 फीसद बच्चे डब्ल्यूएचओ वायु गुणवत्ता मार्गनिर्देश के सामान्य स्तर से ऊपर के स्तर पर पीएम2.5 से रुबरु हो रहे हैं जबकि उच्च आय वर्ग के देशों में 52 फीसद बच्चे डब्ल्यूएचओ वायु गुणवत्ता मार्गनिर्देश के सामान्य स्तर से ऊपर के स्तर पर पीएम2.5 से रुबरु हो रहे हैं।’’ 

रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘वैश्विक स्तर पर, दुनिया भर के 18 साल से कम उम्र के 98 फीसद बच्चे डब्ल्यूएचओ वायु गुणवत्ता मार्गनिर्देश के सामान्य स्तर से ऊपर के स्तर पर घर से बाहर पीएम2.5 से रुबरु हो रहे हैं। इनमें पांच साल की उम्र के 63 करोड़ बच्चे और 15 साल से कम उम्र के 1.8 अरब बच्चे हैं।

पीएम2.5 2.5इक्रामीटर से कम व्यास के व्यास हैं। यह स्वास्थ्य के लिए पीएम 19 से ज्यादा खतरनाक हैं। पिछले दो हफ्तों के दौरान पीएम2.5 खतरनाक स्तर पर चला गया है। सोमवार को दिल्ली के आकाश पर कोहरे की मोटी परत थी जबकि समग्र वायु गुणवत्ता एक्यूआई 348 पर पहुंच गई थी। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ की श्रेणी में थी।

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