कोरोना से जंग में दिल्ली इस समय अपने सबसे मुश्किल दौर से गुजर रही है। दिल्ली में कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वहीं अस्पताल में बिस्तरों की कमी की बात भी सामने आ रही है। इस बीच गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि 30 जून तक दिल्ली में 30000 बिस्तरों की व्यवस्था हो जाएगी। उन्होंने बताया कि 14 अप्रैल को दिल्ली सरकार के साथ बैठक में यह संख्या मात्र 9937 थी। जो कि अब तीन गुना बढ़ गई है।
समाचार एजेंसी एएनआई के साथ एक इंटरव्यू में अमित शाह ने बताया कि 14 जून को दिल्ली दिल्ली में कोविड19 के इलाज के लिए मात्र 9937 बिस्तर थे। 30 जून तक दिल्ली में 30,000 बिस्तर उपलब्ध होंगे। इसमें 8000 बिस्तर रेलवे के स्पेशल कोच के माध्यम से उपलब्ध होंगे। वहीं डीआरडीओ 250 ICU बेड के साथ एक डेडिकेटेड हॉस्पिटल बना रहा है। इसके अलावा आईटीबीपी राधास्वामी सत्संघ बियास परिसर में कोविड 19 सेंटर की व्यवस्था कर रहा है। यहां 10000 बिस्तरों की व्यवस्था की गई है।
दिल्ली में कोरोना का नहीं है कम्युनिटी ट्रांसमिशन
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साफ किया है कि दिल्ली में कोरोना वायरस का कम्युनिटी ट्रांस्मिशन नहीं हुआ है। समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा है कि दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली में कोरोना वायरस के को लेकर जो बयान दिया था उससे दिल्ली वालों में भय बढ़ गया था। मनीष सिसोदिया ने कहा था कि दिल्ली में 31 जुलाई तक कोरोना मरीजों की संख्या 5.5 लाख तक पहुंच सकती है। इसपर अमित शाह ने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि दिल्ली में कोरोना मरीजों का आंकड़ा इस स्तर तक नहीं पहुंचेगा। अमित शाह ने बताया कि मनीष सिसोदिया के बयान के बाद प्रधानमंत्री ने भी मुझसे बात की। प्रधानमंत्री ने गृहमंत्रालय से कहा कि दिल्ली सरकार काी मदद करो। इसके बाद कोआर्डिनेशन कमेटी की बैठक हुई जिसमें दिल्ली को लेकर कई अहम निर्णय लिए गए। इसमें कंटेन्मेंट जोन में प्रत्येक निवासी का कोरोना टेस्ट अनिवार्य रूप से करना भी शामिल था। इसका फायदा दिल्ली को मिला है।