शिमला. शिमला में बुधवार को अपने घर पर मृत पाए गए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के पूर्व निदेशक एवं नगालैंड के पूर्व राज्यपाल अश्विनी कुमार के सुसाइड केस में पुलिस को कई अहम जानकारियां मिली हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अश्वनी कुमार के पैर में कुछ समय पहले चोट लगी थी, जिसकी वजह से उन्होंने मॉर्निंग वॉक पर जाना छोड़ दिया था। वो दोपहर के बाद आसपास ही वॉक पर जाते थे।
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अश्वनी कुमार 17, 18 घंटे काम करने वाले अफसर थे। रिटायरमेंट के बाद यूनिवर्सिटी में पढ़ाने लगे थे। अकेले समय नही कटता था इसलिए मेडिटेशन करते थे। कभी परिवार और कभी पुराने अफसर साथियों के साथ लंबी वॉक पर जाते थे। पैर में चोट लगने के बाद वॉक पर जाना कम हुआ, जिससे डिप्रेशन और बढ़ने लगा। वो ज्यादातर समय अपने घर के सबसे ऊपर के फ्लोर पर बीताते थे, मेडिटेशन के अलावा पूजा पाठ में बेहद लीन रहने लगे थे।
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एक अहम बात हिमाचल पुलिस के सूत्रों ने बताई कि डिप्रेशन के दौरान जो किताब पढ़ रहे थे उसके बारे में इनकी बहु ने पुलिस को बताया। वो किताब (soul) आत्मा, जिंदगी और spirituality से जुड़ी थी डिप्रेशन के दौरान ये किताब पड़कर हाल ही में खत्म की थी। मुंबई पुलिस को मिली जानकारी के मुताबकि डिप्रेशन की ज्यादा शुरुआत लॉकडाउन के दौरान हुई, जब अश्विनी कुमार अपने बेटे-बहू के पास रहने मुम्बई गए। उनके बेटे-बहू मुंबई के कुर्ला इलाके में रहते हैं। उनका बेटा किसी प्राइवेट कंपनी में काम करता है, वो काम में ही व्यस्त रहता है। कुर्ला का घर छोटा है, इस वजह से भी डिप्रेशन बढ़ा। बताया जा रहा है कि वहां भी वहां भी किसी साइकेट्रिस्ट से अश्विनी कुमार का इलाज चला।
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आपको बता दें कि अश्विनी कुमार साल 2008 में सीबीआई के निदेशक बने थे। जब एजेंसी आरुषि तलवार हत्या मामले की जांच कर रही थी। कुमार ने विजय शंकर की जगह सीबीआई के निदेशक का पद संभाला था। अधिकारियों ने बताया कि अश्विनी कुमार बाद में नगालैंड के राज्यपाल बने थे। अश्विनी कुमार अभी शिमला में एक निजी विश्वविद्यालय के कुलपति थे।