नयी दिल्ली: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज कहा कि इराक में बंधक बनाये गए 39 भारतीयों को ढूंढने के लिये सरकार ने पूरी जिम्मेदारी के साथ हर संभव प्रयास किया और सबूत मिलने पर ही उनकी मौत की घोषणा की गई है। विदेश मंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘एक जिम्मेदार सरकार के नाते है, हम बिना सबूत के किसी को मृत घोषित नहीं कर सकते हैं । हमने पहले भी कहा था कि जब तक सबूत नहीं मिलेगा तब तक मृत घोषित नहीं किया जायेगा । अब सभी लोगों के शव नाम के साथ मिल गए हैं।’’
परिवार वालों को पहले नहीं सूचित करने के आरोपों के बारे में सुषमा स्वराज ने कहा कि संसदीय परंपरा का तकाजा है कि जब संसद का सत्र चल रहा हो तब पहले संसद को सूचित करना चाहिए । संसद सत्र चल रहा था और संसदीय मर्यादा के तहत उन्होंने पहले संसद को इसकी जानकारी दी । विदेश मंत्री ने कहा कि उन्होंने किसी को अंधेरे में नहीं रखा और 2014 से 2017 और उसके बाद उनके बयान इस बात के साक्षी हैं । ‘‘ हमारी सरकार ने इराक में बंधक बनाये गए भारतीयों को ढूढ़ने के लिये जो सोचा जा सकता था और जो किया जा सकता था...वह सब कुछ किया । हर द्विपक्षीय मंच पर प्रधानमंत्री समेत उन्होंने और उनके सहयोगी मंत्रियों ने इस विषय को उठाया । ’’ उन्होंने बताया कि सामूहिक कब्रों में तलाश के दौरान भारतीयों का पता नहीं चला।
उन्होंने बताया कि इन 39 भारतीयों के बारे में विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह को बदूश में पता चला जहां पहले भारतीयों को रखा गया था। बदूश में कुछ स्थानीय लोगों ने एक टीले के बारे में बताया और कहा कि यहां पर लोगों को दफनाया गया था। विदेश मंत्री ने कहा कि डीप पेनिट्रेशन रडार की मदद से पता लगाया गया कि कब्र में शव हैं। इराकी अधिकारियों की मदद से शवों को खोद कर निकाला गया । ये शव 39 की संख्या में थे । इसमें जो सबूत मिले, उनमें लंबे बाल, कड़ा, पहचान पत्र और वह जूते शामिल हैं।
सुषमा स्वराज ने बताया कि इन शवों को डीएनए जांच के लिए बगदाद भेजा गया। उन्होंने कहा कि बगदाद में मार्टर्स फाउंडेशन से इन शवों की डीएनए जांच करने का अनुरोध किया गया। उन्होंने कहा कि सरकार को कल बताया गया कि जांच में 38 भारतीयों का डीएनए मैच हो गया जबकि 39वें शव का डीएनए उसके करीबी रिश्तेदारों के डीएनए से 70 फीसदी मिलान हो गया है।