Tuesday, April 23, 2024
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दिल्ली दंगा: उमर खालिद की परिजनों से मिलने के अनुरोध वाली याचिका कोर्ट ने खारिज की

दिल्ली की एक अदालत ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उसने पुलिस हिरासत के दौरान अपने परिवार से मिलने की इजाजत मांगी थी।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: September 21, 2020 18:22 IST
Delhi riots: Court dismisses ex-JNU student leader Umar Khalid's plea seeking to meet family- India TV Hindi
Image Source : PTI Delhi riots: Court dismisses ex-JNU student leader Umar Khalid's plea seeking to meet family

नयी दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उसने पुलिस हिरासत के दौरान अपने परिवार से मिलने की इजाजत मांगी थी। उमर को सख्त आतंकवाद रोधी कानून, गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है।उत्तर पूर्वी दिल्ली में फरवरी में सांप्रदायिक हिंसा की बड़ी साजिश के मामले में खालिद 24 सितंबर तक 10 दिन की पुलिस हिरासत में है। उसे 13 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था और अगले दिन अदालत ने पूछताछ के लिए उसे पुलिस को सौंपते हुए कहा था कि यह पुलिस हिरासत का उपयुक्त मामला है।

पुलिस ने कहा था कि वह इस मामले में 11 लाख पन्नों वाले दस्तावेज से उसका सामना कराना चाहती है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने परिवार से मुलाकात संबंधी उसकी याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यह विचार योग्य नहीं है। न्यायाधीश ने 19 सितंबर को अपने आदेश में कहा, “तथ्यों को पूर्णता में देखते हुए और मामले की परिस्थितियों पर गौर करने के बाद मुझे यह आवेदन विचार योग्य नजर नहीं आता तथा याचिका को खारिज किया जाता है।” अपने वकील के जरिए दायर याचिका में खालिद ने कहा था कि हिरासत में लिए जाने के दौरान पुलिस की तरफ से मौखिक रूप से आश्वासन दिया गया था कि उसे परिवार से मिलने की इजाजत दी जाएगी लेकिन इजाजत नहीं दी जा रही। 

दिल्ली दंगा: बड़ी साजिश को लेकर पुलिस ने यूएपीए के तहत आरोप पत्र दाखिल किया

दिल्ली पुलिस ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी में हुए दंगों की बड़ी साजिश को लेकर गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत यहां एक अदालत में 15 लोगों के खिलाफ बुधवार को आरोप पत्र दाखिल किया। सूत्रों के मुताबिक आरोप पत्र में नामजद लोगों में ताहिर हुसैन, मोहम्मद परवेज अहमद, मोहम्मद इलियास, सैफी खालिद, इशरत जहां, मीरान हैदर, सफूरा जरगर, आसिफ इकबाल तन्हा, शाहदाब अहमद, नताशा नरवाल, देवांगना कलीता, तसलीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद सलीम खान और अतहर खान शामिल हैं। 

दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत से कहा कि इसमें सीडीआर (कॉल डेटा-रिकार्ड) और व्हाट्सऐप चैट को आधार बनाया गया है। आरोप पत्र 10,000 पृष्ठों का है। इसमें पुलिस ने 747 गवाहों को सूचीबद्ध किया है और उनमें से 51 के बयान सीआरपीसी की धारा 164 के तहत (मजिस्ट्रेट के समक्ष) दर्ज किये गए हैं। अंतिम रिपोर्ट यूएपीए, आईपीसी और शस्त्र अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दाखिल किये गये हैं। पुलिस ने कहा कि उसने आरोप पत्र में साजिश का घटनाक्रम और संबद्ध घटनाओं का ब्योरा दिया है, जिन पर आने वाले दिनों में विचार होने की संभावना है। 

पुलिस ने कहा, ‘‘साक्ष्य में 24 फरवरी के व्हाट्सऐप चैट शामिल हैं, जब दंगे हुए थे। उस वक्त मुख्य षड्यंत्रकारी, दंगाइयों को इलाके में हिंसा के बारे में निर्देशित कर रहे थे। मुख्य षड्यंत्रकारी अपने लोगों के साथ सीधे संपर्क में था। ’’ पुलिस ने कहा, ‘‘सीलमपुर-जाफराबाद इलाके में हिंसा के लिये षड्यंत्रकारियों ने व्हाट्सऐप ग्रुप का इस्तेमाल किया। 25 शहरों में 25 प्रदर्शन स्थल थे। 25 व्हाट्सऐप ग्रुप प्रत्येक शहर के लिये विशेष रूप से बनाये गये थे। प्रदर्शित यह किया गया कि ये स्थान संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के लिये हैं, लेकिन इन स्थानों के जरिये षड्यंत्रकारियों ने दिशा-निर्देशित किया।’’ 

विशेष प्रकोष्ठ ने कहा कि ताहिर हुसैन, खालिद सैफी और उमर खालिद ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दिल्ली यात्रा के दौरान राजधानी में व्यापक हिंसा की कथित तौर पर साजिश रची थी। आरोप पत्र में पुलिस ने दावा किया है कि आठ जनवरी को ताहिर शाहीन बाग धरना स्थल पर उमर और सैफी से मिला था। जामिया में पीएफआई कार्यालय में भी इसके बाद बैठक हुई थी। 

पुलिस ने कहा, ‘‘उमर ने कथित तौर पर आश्वस्त किया था कि उसके संपर्कों (पीएफआई में) के जरिये साजो-सामान आदि उपलब्ध हो जाएगा। ’’ इसमें कहा गया है कि जांच है और पुलिस इस विषय में एक पूरक आरोप पत्र दाखिल करेगी। गौरतलब है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी को साम्प्रदायिक हिंसा भड़क गई थी। वहीं, सीएए समर्थकों और इसके विरोधियों के बीच हिंसा बेकाबू हो जाने पर कम से कम 53 लोग मारे गये थे और 200 अन्य घायल हुए थे। 

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