Tuesday, March 19, 2024
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रूस ने कहा- भारत विश्वसनीय सहयोगी है, पाकिस्तान के साथ सीमित सहयोग

रूसी मिशन के उपप्रमुख रोमन बाबुश्किन ने हाल ही में भारत और पाकिस्तान की नियंत्रण रेखा पर 2003 के संघर्ष विराम समझौते का सख्ती से पालन करने की प्रतिबद्धता का स्वागत किया।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: April 14, 2021 18:23 IST
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Image Source : PTI FILE 2016 में एक मुलकात के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। 

नई दिल्ली: भारत को एक ‘विश्वसनीय सहयोगी’ करार देते हुए रूस ने बुधवार को कहा कि दोनों देशों के बीच कोई मतभिन्नता या गलतफहमी नहीं है और ‘स्वतंत्र’ संबंधों के आधार पर उसका पाकिस्तान के साथ ‘सीमित सहयोग’ है। रूसी मिशन के उपप्रमुख रोमन बाबुश्किन ने हाल ही में भारत और पाकिस्तान की नियंत्रण रेखा पर 2003 के संघर्ष विराम समझौते का सख्ती से पालन करने की प्रतिबद्धता का स्वागत किया और कहा कि यह क्षेत्रीय स्थिरता के लिये ‘बेहद महत्वपूर्ण कदम’ है।

बाबुश्किन के साथ ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में रूसी राजदूत निकोलाई कुदाशेव ने पश्चिमी देशों की हिन्द प्रशांत रणनीति की आलोचना करते हुए इसे खतरनाक और शीत युद्ध की मानसिकता को उभारने का प्रयास बताया। वहीं, बाबुश्किन ने कहा कि अफगानिस्तान के मुद्दे पर क्षेत्रीय आम सहमति बनाने की प्रक्रिया में भारत को हिस्सा होना चाहिए तथा अफगान शांति प्रक्रिया को लेकर नई दिल्ली और मॉस्को का रूख समान है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की भारत यात्रा और उसके बाद उनके इस्लामाबाद दौरे को लेकर बनी धारणा के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में बाबुश्किन ने कहा कि रूस के पाकिस्तान के साथ स्वतंत्र संबंध हैं और यह किसी के साथ रिश्तों को किसी और के खिलाफ लक्षित नहीं करता है।

बाबुश्किन ने कहा, ‘हम मानते हैं कि यह देखने का कोई कारण नहीं है कि हमारे बीच किसी तरह की भिन्नता या गलतफहमी है। भारत-रूस संबंधों में ऐसी कोई बात नहीं है।’ दूसरी ओर, कुदाशेव ने कहा कि भारत, रूस का विश्वसनीय सहयोगी है और दोनों देशों के बीच संबंध समान, समग्र, सद्भावनापूर्ण, ठोस और भविष्योन्मुखी हैं। रूसी विदेश मंत्री लावरोव की 6 अप्रैल की भारत यात्रा के बारे में उन्होंने कहा कि इसका मकसद इस साल के उतरार्द्ध में संभावित भारत-रूस शिखर वार्ता की तैयारियों से संबंधित था।

इस बीच, बाबुश्किन ने कहा कि भारत, पाकिस्तान, रूस सभी शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य हैं और उनके बीच क्षेत्रीय सुरक्षा, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई, अन्य खतरों से मुकाबले सहित अन्य क्षेत्रों में सहयोग है। उन्होंने कहा कि रूस का पाकिस्तान के साथ भारत की तुलना में सीमित सहयोग है। उन्होंने कहा, ‘हालांकि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई साझा एजेंडा है। इसलिए हम पाकिस्तान को आतंकवाद रोधी उपकरणों एवं समर्पित अभ्यास में सहयोग करते हैं।’ (भाषा)

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