Friday, April 26, 2024
Advertisement

Rajat Sharma's Blog: दुनिया देखे कि भारतीय सुरक्षाबलों ने कश्मीर में एक बच्चे को आतंकियों की गोलियों से कैसे बचाया

हमारे सुरक्षाबल घाटी में बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। एक तरफ तो वे नागरिकों को आतंकी हमलों से बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, और दूसरी तरफ वे आतंकवादियों को मुंह तोड़ जवाब दे रहे हैं। 

Rajat Sharma Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published on: July 02, 2020 15:47 IST
Rajat Sharma's Blog: दुनिया देखे कि भारतीय सुरक्षाबलों ने कश्मीर में एक बच्चे को आतंकियों की गोलियों- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Rajat Sharma's Blog: दुनिया देखे कि भारतीय सुरक्षाबलों ने कश्मीर में एक बच्चे को आतंकियों की गोलियों से कैसे बचाया

सोपोर के मॉडल टाउन की एक मस्जिद में छिपे लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने बुधवार की सुबह सीआरपीएफ की एक पट्रोलिंग पार्टी पर हमला किया जिसमें एक हेड कांस्टेबल दीप चंद वर्मा शहीद हो गए। हमले के बाद शुरू हुई मुठभेड़ के दौरान 65 साल के बशीर अहमद खान अपने 3 साल के नवासे के साथ गोलीबारी के बीच अपनी गाड़ी लेकर फंस गए।

 
श्रीनगर के मुस्तफाबाद निवासी बशीर अहमद खान ने अपने नवासे को बचाने के लिए उसे कार के अंदर छोड़ दिया और भागने की कोशिश की, लेकिन क्रॉस फायरिंग में उनको गोली लग गई। बशीर की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। इसके बाद बच्चा कार से बाहर निकला और अपने नाना की खून से सनी बॉडी पर बैठकर रोता रहा, फिर भी आतंकी अंधाधुंध गोलियां बरसाते रहे। सड़क पर पड़ी लाश पर बैठकर रोते हुए बच्चे की तस्वीरों ने आतंकवादियों द्वारा किए गए इस बर्बर कृत्य पर पूरे देश को गुस्से से भर दिया।
 
सीआरपीएफ के जवानों ने बच्चे को बचाने के लिए उसके चारों ओर बुलेटप्रूफ कारें खड़ीं कीं, और पुलिसकर्मियों में से एक ने सड़क पर दौड़कर बच्चे को अपनी गोद में उठा लिया। जब बच्चे को जीप में बैठाकर ले जाया जा रहा था तब वह रोते-रोते कह रहा था, ‘मुझे मम्मी के पस पहुंचा दो। घर जाना है।’
 
एक रोते हुए मासूम बच्चे के ये शब्द और तस्वीरें आने वाले कई सालों तक करोड़ों भारतीयों के मन को कचोटती रहेंगी। आतंकियों की गोली का शिकार बने नाना जमीन पर पड़े मदद के लिए तड़प रहे थे, और बच्चा वहीं पर असहाय खड़ा देखता रहा। बशीर की तुरंत ही मौत हो गई, और उनको बचाने के लिए रोता हुआ छोटा-सा बच्चा उनके सीने पर जाकर बैठ गया। इतना सब होने के बावजूद आतंकवादियों ने गोलियों की बौछार जारी रखी।
 
बच्चे को क्या पता कि वहां क्या हो रहा था और उसके नाना के शरीर से खून क्यों बह रहा था। वहीं, दूसरे छोर पर खड़े सीआरपीएफ के जवान जानते थे कि बच्चा जल्द ही आतंकियों का निशाना बन सकता है। आने वाले खतरे से पूरी तरह अनजान वह पास ही में पोजिशन लिए हुए एक सीआरपीएफ जवान की तरफ बढ़ने लगा। जवान ने बच्चे को रुकने का इशारा किया, क्योंकि आतंकी उस समय भी लगातार गोलियों की बारिश कर रहे थे।
 
CRPF की पट्रोलिंग पार्टी ने पहले बच्चे के चारों ओर एक सुरक्षित घेरा बनाया, फिर उसे ढकने के लिए बुलेटप्रूफ गाड़ियां खड़ी कीं। इसके बाद जम्मू-कश्मीर के पुलिसकर्मियों में से एक क्रॉसफायरिंग के बीच दौड़ते हुए गया, बच्चे को अपनी गोद में उठाया और वापस सुरक्षित जगह पर आ गया। पुलिस की जीप के अंदर रोते हुए बच्चे को जवानों ने चॉकलेट और बिस्किट दिए। बाद में बच्चे को उसके माता-पिता को सौंप दिया गया।
 
यह पहली बार नहीं है जब आतंकवादियों ने किसी बच्चे की जान लेने की कोशिश की हो। अभी एक सप्ताह भी नहीं बीता जब अनंतनाग में आतंकवादियों द्वारा किए गए एक ग्रेनेड हमले में सीआरपीएफ के एक जवान समेत एक 4 साल के बच्चे की मौत हो गई थी।
 
कश्मीर पुलिस के महानिरीक्षक विजय कुमार ने कहा, ‘लश्कर-ए-तैयबा के 2 आतंकवादियों, जिनमें से एक उस्मान भाई नाम का पाकिस्तानी और दूसरा आदिल नाम का एक स्थानीय युवक था, ने भागने से पहले सोपोर की मस्जिद के अंदर से 30 गोलियां चलाईं। इस हमले में सीआरपीएफ के 3 जवान, राजेश भोये, दीपक पाटिल और नीलेश चावड़े घायल हो गए। घायलों का इलाज 92 बेस हॉस्पिटल में चल रहा है।’
 
पुलिस महानिरीक्षक ने कहा, ‘CRPF के जवान मौके से भागने वाले 2 आतंकियों को आसानी से मार सकते थे, लेकिन उनकी पहली प्राथमिकता बच्चे को बचाने की थी। आतंकवादियों ने इसी का फायदा उठा लिया।’ घाटी में पिछले 48 घंटों में 4 आतंकी हमले हुए हैं, और सभी 4 हमलों में आतंकवादियों को मार गिराया गया। कश्मीर घाटी में आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन ऑल आउट चल रहा है। सुरक्षा बलों का मिशन साफ है: चाहे जो भी हो जाए, हरेक आतंकी का खात्मा किया जाएगा।
 
कश्मीर घाटी में आतंकवादी आम लोगों का समर्थन तेजी से खोते जा रहे हैं। आतंकी समूहों पर अपने पाकिस्तानी आकाओं का दबाव है कि वे वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के खिलाफ अपने सैन्य गतिरोध से भारत का ध्यान हटाने के लिए ज्यादा से ज्यादा हमले करें। चीन ने पहले ही भारतीय सुरक्षाबलों पर और हमले करने के लिए आतंकी संगठन अल बद्र से संपर्क किया है, और उसके चमचे पाकिस्तान ने लद्दाख से सटे गिलगित-बाल्टिस्तान में चीनी सेना की मदद के लिए 20,000 सैनिकों को रवाना किया है। भले ही चीन और पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ दोहरे मोर्चे पर लड़ाई लड़ने का फैसला किया है, हमारी सेनाएं उन्हें मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार हैं।
 
हमारे सुरक्षाबल घाटी में बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। एक तरफ तो वे नागरिकों को आतंकी हमलों से बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, और दूसरी तरफ वे आतंकवादियों को मुंह तोड़ जवाब दे रहे हैं। आतंकवादियों द्वारा बरसाई जा रही गोलियों से बेखबर नवासे को अपने नाना के मृत शरीर पर रोते हुए देखकर दुनिया को अब जाग जाना चाहिए और इस घटना का संज्ञान लेना चाहिए। दुनिया को पता होना चाहिए कि हमारे सुरक्षाबल मानवीय दृष्टिकोण रखते हैं: एक तरफ तो वे धार्मिक स्थलों पर, जहां आतंकी जाकर छिप जाते हैं, हमला करने से बचते हैं, और दूसरी तरफ यह भी सुनिश्चित करते हैं कि गोलीबारी के दौरान किसी निर्दोष की जान न जाए। (रजत शर्मा)

देखें, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 1 जुलाई 2020 का पूरा एपिसोड

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement