नई दिल्ली: नोटबंदी के बाद जनधन खातों में जमा में हुई जोरदार बढ़ोतरी में अब स्थिरता आती दिख रही है। 30 नवंबर तक सात दिन में जनधन खातों में 1,487 करोड़ रुपये जमा हुए हैं, जबकि इससे पिछले सप्ताह इन खातों में 8,283 करोड़ रुपये जमा हुए थे।
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वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 30 नवंबर तक कुल 25.85 करोड़ जनधन खातों में जमा का आंकड़ा 74,321.55 करोड़ रुपये पर पहुंच गया था। 23 नवंबर तक जनधन खातों में 72,834.72 करोड़ रुपये की राशि जमा थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गत 8 नवंबर को 500 और 1,000 का नोट बंद करने की घोषणा के बाद जनधन खातों में जमा में 28,685 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है। 9 नवंबर तक इन खातों में कुल जमा 45,636.61 करोड़ रुपये थे।
खास बात यह है कि जनधन खातों के तहत शून्य शेष वाले खातों की संख्या 22.85 प्रतिशत पर स्थिर है। बैंकिंग पहुंच बढ़ाने तथा देश में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए अगस्त, 2014 में प्रधानमंत्री जनधन योजना का ऐलान किया गया था। इन खातों में जमा की सीमा 50,000 रुपये है। नोटबंदी के बाद कालाधन धारकों द्वारा दुरुपयोग रोकने के लिए रिजर्व बैंक ने जनधन खातों से निकासी की सीमा 10,000 रुपये मासिक तय की है।
रिजर्व बैंक के अनुसार अपने ग्राहक को जानियो (केवाईसी) के अनुपालन वाले जनधन खातों से प्रति माह 10,000 रुपये की निकासी की जा सकती है। वहीं केवाईसी का अनुपालन नहीं करने वाले खातों से निकासी की सीमा 5,000 रुपये मासिक तय की गई है। सरकार को आशंका है कि कालधन धारक किसानों और अन्य लोगों के खातों का इस्तेमाल अपने कालेधन को सफेद करने के लिए कर रहे हैं।