पटना: बिहार में शिक्षा विभाग में लापरवाही का एक और नमूना प्रकाश में आया है, जहां एक स्कूल के करीब 50 छात्र-छात्राओं को सड़क किनारे फुटपाथ पर रात गुजारनी पड़ी। हालांकि, उनके शिक्षक भी उनके साथ थे। यह पूरा मामला मुख्यमंत्री बिहार दर्शन योजना से जुड़ा है, जिसके तहत पूर्वी चंपारण जिले के एक स्कूल के बच्चे मंगलवार को पटना घूमने पहुंचे थे।
पूर्वी चंपारण जिला शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने कहा, "कोटवा प्रखंड के राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय मच्छरगावां के करीब 50 बच्चों को स्कूल प्रबंधन द्वारा मुख्यमंत्री दर्शन योजना के तहत मंगलवार को पटना घूमाने लाया गया था। इस दौरान रात हो गई और बच्चों को पटना में ही रहना पड़ा।"
ऐसी स्थिति में सभी बच्चों को सड़क किनारे पटना संजय गांधी जैविक उद्यान के मुख्य द्वार के सामने खाली स्थान पर सुला दिया गया।
इस मामले के प्रकाश में आने के बाद शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने बुधवार को पूरे मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि संबंधित जिलाधिकारी को मामले की जांच कर दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि यह कहीं से सही नहीं है कि स्कूली बच्चों को फुटपाथ पर रात गुजारनी पड़े।
उल्लेखनीय है कि इस योजना के तहत स्कूली बच्चों को राज्य के ऐतिहासिक व धार्मिक स्थलों को दिखाया जाता है, ताकि वे अपनी संस्कृति और ऐतिहासिक विरासत को जान सकें।