Wednesday, April 24, 2024
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VIDEO: सिंघु बॉर्डर खाली, किसान लौट गए अपने घर? देखिए इंडिया टीवी की Exclusive रिपोर्ट

किसान आंदोलन के सबसे बड़े हॉट स्पॉट सिंघु बॉर्डर खाली-खाली और शांत दिखा। जहां किसान नेताओं का मजमा लगता था, सड़कों पर भीड़ जुटी रहती थी, भाषणों का शोर और आंदोलनकारियों का हुड़दंग था, वहां अब आंदोलन के तंबू उखड़ने लगे हैं।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: February 13, 2021 19:57 IST
Singhu Tikri Border Farmers Protest Kisan Andolan latest update News- India TV Hindi
Image Source : PTI Singhu Tikri Border Farmers Protest Kisan Andolan latest update News

नई दिल्ली। आज की सबसे चौंकाने वाली तस्वीर सिंघु बॉर्डर से आई। इंडिया टीवी रिपोर्टर जतिन शर्मा को पता चला था कि सिंघु बॉर्डर पर लगे टेंट्स में अब बहुत कम किसान बचे हैं। इस खबर की तफ्तीश के लिए जतिन जब सिंघु बॉर्डर पहुंचे तो वाकई हैरान रह गए। 81 दिन में पहली बार सिंघु बॉर्डर पर वो सबकुछ दिखा, जो आज तक सामने नहीं आया था।

सिंघु बॉर्डर की TRUE पिक्चर

किसान आंदोलन के सबसे बड़े हॉट स्पॉट सिंघु बॉर्डर खाली-खाली और शांत दिखा। जहां किसान नेताओं का मजमा लगता था, सड़कों पर भीड़ जुटी रहती थी, भाषणों का शोर और आंदोलनकारियों का हुड़दंग था, वहां अब आंदोलन के तंबू उखड़ने लगे हैं।

सिंघु बॉर्डर पर सन्नाटा, ट्रैक्टर हुए गायब!

आज सिंघु बॉर्डर में आंदोलन का शोर नहीं बल्कि गहरा सन्नाटा पसरा नजर आया। सिंघु बॉर्डर पर जिस सड़क के दोनों किनारे ट्रैक्टर-ट्रॉली से भरे रहते थे वहां अब एक भी ट्रैक्टर नहीं है। पहले जिस जगह पर पांव रखने की जगह नहीं होती थी, वहां आज की तस्वीर बहुत ही चौंकाने वाली है। किसानों को भी समझ में आ रहा है कि आंदोलन किस दिशा में जा रहा है। 

खेतों की तरफ लौट रहे किसान!

लगता है कि 81 दिन से भी अधिक के आंदोलन के बाद किसानों को अपने नफा-नुकसान का अंदाजा हो चला है। यही वजह है कि किसान अपने गांव और खेतों की तरफ लौट गए हैं। सिंघु बॉर्डर पर पहुंचने के बाद संवाददाता जतिन शर्मा ने सिंघु बॉर्डर से कुंडली तक के पूरे रूट की पड़ताल की, जिस सड़क पर पहले किसानों का जत्था जमा रहता था वो अब खाली हैं। जो सड़क ट्रैक्टर ट्रॉली से खचाखच भरी रहती थी वहां अब गिनती के ही ट्रैक्टर बचे हैं। 

सिंघु बॉर्डर पर अभी 32 किसान यूनियन के नेता मौजूद

हालांकि, सिंघु बॉर्डर पर अभी 32 किसान यूनियन के नेता और उनके समर्थक मौजूद हैं। ये 32 के 32 किसान यूनियन पंजाब के हैं। हरियाणा के अधिकांश किसान संगठन वापस चले गए हैं। लेकिन किसान नेता गुरनाम सिंह चडूनी का गुट अभी भी मौजूद है। सिंघु बॉर्डर से किसानों का वापस जाना लगातार जारी है। पहले की तुलना में अब बहुत कम प्रदर्शनकारी किसान ही वहां बचे हैं, जो बचे हैं उनमें से ज्यादातर किसी ना किसी किसान यूनियन के लोग हैं। आम किसानों की तादाद बहुत ही कम है। हमारी एक्सक्लूसिव रिपोर्ट का वीडियो देखकर आप सिंघु बॉर्डर पर भीड़ जुटाने के लिए किसान नेताओं ने क्या स्ट्रेटजी बना रखी थी, इसे आप आसानी से समझ जाएंगे। 

जानिए टीकरी बॉर्डर का क्या हाल है

सिंघु बॉर्डर के बाद अब आपको टीकरी बॉर्डर का भी हाल-चाल आपको बताते हैं। टीकरी बॉर्डर पर आंदोलन की आड़ में फिर एक पुलिस वाले का खून बहाया गया है। किसान आंदोलन के नाम पर खाकी एक बार फिर लहूलुहान हुई है। किसान आंदोलन के नाम पर बैठी भीड़ ने शुक्रवार शाम  दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल जितेंद्र राणा पर लाठी-डंडों से लैस भीड़ ने जानवेला हमला कर दिया। हेड कांस्टेबल के सिर पर कई टांके आए हैं। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जितेंद्र राणा पर हमला उस वक्त हुआ जब वो वहां लापता प्रदर्शनकारियों के पोस्टर लगाने गए थे। पुलिस ने मामले में FIR दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। 

किसान आंदोलन के तीनों मोर्चे की ग्राउंड रिपोर्ट आपके सामने है। सिंघु बॉर्डर खाली हो रहा है, गाजीपुर बॉर्डर पर सन्नाटा है तो टीकरी बॉर्डर पर आंदोलनकारी किसानों की गुंडागर्दी देखने को मिल रही है। आज की तारीख में किसान आंदोलन कितना अटका है और कितना भटका, इसका जवाब आपको हमारी इस एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में मिल जाएगा।

(जतिन शर्मा और कुमार सोनू की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट)

देखिए VIDEO

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