नई दिल्ली: बैंकों से हजारों करोड़ रुपये का लोन लेकर देश से भागे विजय माल्या की कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस लिमिटेड के गारंटरों की सूची में भोले-भाले किसानों के नाम भी सामने आ रहे हैं। पीलीभीत में बिलसंडा क्षेत्र के गांव खजुरिया निवीराम के बुजुर्ग किसान सरदार मनमोहन सिंह को पता भी नहीं है और बैंक वालों ने माल्या की कंपनी का गारंटर/ डायरेक्टर बताकर खाता सीज कर दिया है। मनमोहन का कहना है कि न तो वह माल्या को जानते हैं और न ही किंगफिशर कंपनी को।
बैंक अफसरों के मुताबिक, मनमोहन का बैंक ऑफ बड़ौदा की नाद शाखा (बिलसंडा) में किसान क्रेडिट कार्ड खाता है, जिसका अकाउंटर नंबर 164100004673 है। कुछ समय पहले बैंक प्रबंधक नाद के पास रीजनल ऑफिस एमएमएसआर मुंबई का पत्र आया।
सितंबर 2015 में बैंक ऑफ बड़ौदा के मुंबई स्थित रीजनल कार्यालय ने बैंक ऑफ बड़ौदा की नांद शाखा को ईमेल भेजकर बिलसंडा ब्लाक के गांव खजूरिया नवीराम निवासी मनमोहन सिंह को विजय माल्या के लिए स्वीकृत लोन का गारंटर बताते हुए उसके दोनों खाते सीज करने के निर्देश दिए थे।
मनमोहन सिंह के दो खाते इनमें से एक खाते में 12 हजार और दूसरे खाते में चार हजार रुपये हैं, को सीज कर दिया है। बैंक खाते सीज होने पर मनमोहन सिंह ने नांद बैंक शाखा के मैनेजर से इस बाबत पूछा तो उन्होंने रीजनल ऑफिस के निर्देश पर कार्रवाई करने की बात कही। अब मनमोहन सिंह लगातार बैंक के चक्कर काट रहे हैं लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है।
सरदार मनमोहन सिंह की कहना है कि उनके आठ एकड़ जमीन है। दो साल पहले बैंक से चार लाख रुपये का लोन लिया था। उनके बैंक में दो खाते हैं। मनमोहन सिंह पत्नी और तीन बच्चों के साथ गांव में ही रहते है। माल्या की कंपनी से उनका दूर-दूर तक कोई नाता नहीं।
विजय माल्या का कथित गारंटर बताकर खाता सीज किए जाने को मनमोहन ने गहरी साजिश बताया है। उनका कहना है कि पीलीभीत और बिलसंडा की बात छोड़ दें तो वह कभी दिल्ली-लखनऊ तक नहीं गए। कभी हवाई जहाज में भी नहीं बैठे हैं।