Sunday, May 05, 2024
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Drone Tear Gas Launcher: अब दंगाइयों और उपद्रवियों की खैर नहीं, ड्रोन से बरसाए जाएंगे आंसू गैस के गोले

Drone Tear Gas Launcher: सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने आंसू गैस के गोले गिराने वाला ड्रोन विकसित किया है। इसका इस्तेमाल पुलिस दंगाइयों और प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए कर सकती है।

Swayam Prakash Edited By: Swayam Prakash @SwayamNiranjan
Published on: September 02, 2022 22:32 IST
BSF develops drone tear gas Launcher- India TV Hindi
Image Source : PTI BSF develops drone tear gas Launcher

Highlights

  • BSF ने आंसू गैस के गोले गिराने वाला ड्रोन विकसित किया
  • दंगाइयों और प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने में होगी मदद
  • इस ड्रोन में 2 से 6 तक आंसू गैस के गोले हो सकते हैं लोड

Drone Tear Gas Launcher: सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने आंसू गैस के गोले गिराने वाला ड्रोन विकसित किया है। इसका इस्तेमाल पुलिस दंगाइयों और प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए कर सकती है। बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ‘ड्रोन टीयर स्मोक लांचर’ का उपयोग ड्रोन से आंसू गैस के गोले गिराने के लिए किया जा सकता है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की टियर स्मोक यूनिट ने स्वदेशी ड्रोन टियर स्मोक लॉन्चर तैयार किया है। इसमें ड्रोन के जरिये 250-300 मीटर के दायरे में आंसू गैस के गोले गिराए जा सकते हैं।

भीड़ को काबू करने के दौरान सुरक्षा कर्मी भी रहेंगे सुरक्षित 

बीएसएफ ने बताया कि ये उनकी स्वदेशी टियर स्मोक यूनिट द्वारा तैयार किया गया है। इसका परीक्षण भी सफलता पूर्वक कर लिया गया है। वहीं इसके इस्तेमाल के लिए ज्यादातर सुरक्षा सर्टिफिकेट भी मिल गए हैं। इस ड्रोन तकनीक का सभी पुलिस विभाग और सशस्त्र पुलिस बलों के द्वारा जल्द ही इस्तेमाल किया जा सकेगा। जानकारी के मुताबिक किसी भी घटना के दौरान उपद्रवियों को काबू करने और आंसू गैस के गोले छोड़ने के लिए इस ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकेगा। इससे सुरक्षा व्यवस्था में तैनात किए जाने वाले कर्मी सुरक्षित रहेंगे, जिन्हें कई बार भीड़ को नियंत्रित करने के दौरान उनके गुस्से का शिकार होना पड़ता है। यही नहीं ये तकनीक गैर घातक भी है।

2 से 6 आंसू गैस के गोले किए जा सकते हैं लोड
एक ड्रोन में 2 से 6 तक आंसू गैस के गोले लोड कर टारगेट एरिया में गिराए जा सकेंगे। ड्रोन से गोले गिराने और ड्रोन में गोले भरने के लिए मैग्जीन का ट्रायल भी किया जा चुका है। बीएसएफ की तरफ से इस तकनीक का एक वीडियो भी जारी किया गया है। माना जा रहा है कि इसे जल्द ही अलग-अलग पुलिस बलों और सुरक्षा बलों को इस्तेमाल के लिए सौंप दिया जाएगा। गौरतलब है कि सीमा सुरक्षा बल (BSF) अकादमी में आंसू गैस इकाई को 1976 में शुरू किया गया था। इससे पहले तक देश में अश्रुगैस के गोले विदेशों से आयात किए जाते थे। 46 साल में इस इकाई ने आंसू गैस सामग्री बनाने की क्षमता को देश के सुरक्षा बलों की जरूरत के अनुसार 12 गुना बढ़ाते हुए भारत को आत्मनिर्भर बना दिया है।

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