Saturday, April 27, 2024
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प्रदर्शन के दौरान हुई थी किसान शुभकरण सिंह की मौत, हाई कोर्ट ने दिए न्यायिक जांच के आदेश

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने खनौरी सीमा पर पिछले महीने प्रदर्शनकारी किसानों और हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प के दौरान शुभकरण सिंह की मौत के मामले में न्यायिक जांच का आदेश दिया है।

Swayam Prakash Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published on: March 07, 2024 22:52 IST
Shubhakaran Singh- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO 21 फरवरी को हुई थी किसान शुभकरण सिंह की मौत

चंडीगढ़: खनौरी बॉर्डर पर पिछले महीने प्रदर्शनकारी किसानों और हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प के दौरान एक युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत हो गई थी। इस मामले में अब पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने न्यायिक जांच का आदेश दिया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जीएस संधवालिया और न्यायमूर्ति लपिता बनर्जी की खंडपीठ ने किसान आंदोलन से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। इस मामले में याचिकाकर्ता वकील उदय प्रताप सिंह ने बताया कि अदालत ने किसान शुभकरण सिंह की मौत की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। 

खनौरी सीमा पर झड़प के दौरान हुई थी मौत

याचिकाकर्ता उदय प्रताप सिंह ने बताया कि मामले की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस और पंजाब एवं हरियाणा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्तर के दो अधिकारियों द्वारा की जाएगी। मूल रूप से बठिंडा के निवासी शुभकरण (21) की 21 फरवरी को पंजाब-हरियाणा की खनौरी सीमा पर झड़प के दौरान मौत हो गई थी। इस झड़प के दौरान 12 पुलिसकर्मी भी घायल हो गये थे। मामले में पंजाब सरकार पहले ही ‘शून्य प्राथमिकी’ में हत्या का मामला दर्ज कर चुकी है। 

पैतृक गांव में किया गया अंतिम संस्कार

गौरतलब है कि हरियाणा और पंजाब की खनौरी सीमा पर हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प में मारे गए किसान शुभकरण सिंह का अंतिम संस्कार 29 फरवरी को पंजाब के बठिंडा जिले में उनके पैतृक गांव में किया गया था। खनौरी सीमा पर 21 फरवरी को हुई झड़प में 21 वर्षीय शुभकरण की मौत हो गई थी और 12 पुलिस कर्मी घायल हुए थे। झड़प तब हुई थी जब प्रदर्शनकारी किसानों ने आगे बढ़ने के लिए सुरक्षाकर्मियों द्वारा लगाए गए अवरोधकों को तोड़ने की कोशिश की थी। 

इन मांगों को लेकर किसान कर रहे प्रदर्शन

बता दें कि फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गांरटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के वास्ते संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएमए) ने ‘दिल्ली चलो’ मार्च का आह्वान किया है। सुरक्षा बलों द्वारा उनके मार्च को रोके जाने के बाद प्रदर्शनकारी किसान पंजाब और हरियाणा की शंभू और खनौरी सीमा पर रुके हुए हैं। 

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