Monday, December 08, 2025
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इंडियन नेवी को आज मिले INS हिमगिरी और INS उदयगिरी, जानें भारत की नई वॉरशिप्स की खासियत

आत्मनिर्भर भारत की मुहिम के तहत भारतीय नौसेना को आज डबल पावर मिल गई है। आज नेवी को दो स्वदेशी फ्रिगेट मिले। INS उदयगिरि और INS हिमगिरि को विशाखापत्तनम में एक साथ कमीशन किया गया।

Reported By : Manish Prasad Edited By : Khushbu Rawal Published : Aug 26, 2025 06:53 am IST, Updated : Aug 26, 2025 03:42 pm IST
ins himgiri- India TV Hindi
Image Source : INDIAN NAVY INS हिमगिरी

आज भारतीय नौसेना को समंदर के दो प्रहरी मिल गए हैं- INS उदयगिरी और INS हिमगिरी। दोनों युद्धपोत आज दोपहर 2.45 बजे भारतीय नौसेना बेड़े में शामिल हुए। ये पहला मौका है जब दो भारतीय शिपयार्डों में बने दो युद्धपोतों को एक साथ नौसेना में शामिल किया गया। इसके साथ ही, भारत के पास तीन-फ्रिगेट स्क्वाड्रन हो गए, जो स्वदेशी क्षमता के जरिये देश की इंडस्ट्रियल तकनीक और शक्ति का का प्रदर्शन करेंगे। 1 जुलाई को नीलगिरी क्लास स्टेल्थ फ्रीगेट उदयगिरी और 31 जुलाई को प्रोजेक्ट-17A के तहत बनाया गया। एडवांस स्टेल्थ फ्रीगेट हिमगिरी नेवी को सौंपे गए थे। अब आज ये दोनों फ्रिगेट नेवी में कमीशन हो गए हैं।

क्या है स्वदेशी युद्धपोत की खासियत?

  1. INS उदयगिरी को मझगांव डॉक्यार्ड में बनाया गया है जबकि INS हिमगिरी कोलकाता शिपयार्ड में बना है। इन दोनों युद्धपोतों को बनाने में ऐसे मटीरियल का इस्तेमाल किया गया जो आसानी से रेडार की पकड़ में नहीं आता।
  2. इनका वजन करीब 6,670 टन और लंबाई 149 मीटर है। ये दोनों युद्धपोत करीब 15 मंजिला इमारत जितने ऊंचें हैं। इनकी स्पीड 52 किलोमीटर प्रति घंटा है।
  3. रेंज की बात करें तो एक बार ईंधन भरने के बाद ये 10 हज़ार किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक ट्रेवल कर सकते हैं।
  4. ये पोत हेलिकॉप्टर ऑपरेशन के लिए सी किंग हेलिकॉप्टर ले जा सकते हैं, जो पनडुब्बी और सतही जहाजों को खोजने-मारने में सक्षम हैं।
  5. ये पोत पर ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से लैस होंगे जो समुद्र और जमीन दोनों लक्ष्यों पर 290 किमी की दूरी से हमला करने में सक्षम हैं।
  6. इनमें बेहद करीब आने वाली मिसाइलों और ड्रोन को मार गिराने की क्षमता है। सोनार सिस्टम से लैस ये युद्धपोत गहरे पानी में पनडुब्बी का पता लगा सकते हैं।
  7. अरब सागर से लेकर हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी तक ये पाकिस्तान और चीन दोनों की हरकत पर नजर रख सकेंगे।
  8. इन युद्धपोतों का निर्माण 200 से ज्यादा MSME कंपनियों की मदद से हुआ है..जिससे 4 हज़ार लोगों को सीधी नौकरी मिली है। 

INS HIMGIRI
Image Source : INDIAN NAVY
INS हिमगिरी

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में बढ़ेगी नौसेना की ताकत 

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, ये दोनों जहाज प्रोजेक्ट 17ए के तहत बनाए गए हैं। इन्हें इस तरह डिजाइन किया जाता है कि वह दुश्मन के रडार, इंफ्रारेड और ध्वनि सेंसर से बच सकें। दोनों युद्धपोतों की तैनाती से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में नौसेना की ताकत बढ़ेगी।

INS हिमगिरि को कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) ने बनाया है। इसका नाम पुराने INS हिमगिरि से लिया गया है। वहीं, INS उदयगिरि को मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने बनाया है। इसका नाम आंध्र प्रदेश की उदयगिरि पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखा गया है, जो सिर्फ 37 महीनों में बना है।

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