Friday, April 26, 2024
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Prophet Remark Row: आस्था के प्रतीकों के अपमान के खिलाफ बने कानून, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने रखी मांग

पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना ख़ालिद सैफ़ुल्लाह रह़मानी ने एक बयान में यह भी कहा कि आस्था के प्रतीकों के अपमान को रोकने एवं ऐसे मामलों में कठोर कानूनी कार्रवाई के लिए कानून बनाया जाना चाहिए। 

Swayam Prakash Edited by: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published on: June 06, 2022 20:02 IST
Muslim Personal Law Board General Secretary- India TV Hindi
Image Source : WIKIPEDIA Muslim Personal Law Board General Secretary

Highlights

  • पैगंबर के खिलाफ विवादित टिप्पणी का मामला
  • पर्सनल लॉ बोर्ड ने एक्शन पर बीजेपी को सराहा
  • ऐसे मामलों के लिए कानून बनाने की रखी मांग

Prophet Remark Row: पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादित टिप्पणी का मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। इस विवाद को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने अपने दो नेताओं को पार्टी से हटा दिया है। बीजेपी की इस कार्रवाई की ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सोमवार को सराहना की है।  इसके साथ ही पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि इस मामले में कानूनी कार्रवाई भी होनी चाहिए। 

ऐसे मामलों के लिए कानून बनाने की मांग

बोर्ड के महासचिव मौलाना ख़ालिद सैफ़ुल्लाह रह़मानी ने एक बयान में यह भी कहा कि आस्था के प्रतीकों के अपमान को रोकने एवं ऐसे मामलों में कठोर कानूनी कार्रवाई के लिए कानून बनाया जाना चाहिए। भाजपा ने रविवार को अपनी राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा को निलंबित कर दिया था और दिल्ली के अपने मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल को निष्कासित कर दिया था। 

मामले में बीजेपी का एक्शन पर्याप्त नहीं

पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ दोनों नेताओं की कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर कुछ मुस्लिम देशों ने कड़ी आपत्ति जताई है। रहमानी ने कहा, ‘‘सत्ताधारी पार्टी के कुछ लोगों ने पैगंबर पर आपत्तिजनक और अशोभनीय टिप्पणी की, जिससे देश के सभी मुसलमानों को सख़्त तकलीफ़ पहुंची और वैश्विक स्तर पर भी इसके कारण देश की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची। ऐसे जघन्य अपराध करने वालों को पार्टी से निलंबित करना निश्चित रुप से अच्छी बात है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। ऐसे कुकृत्य करने वालों को कठोर दंड दिया जाए, उनके विरुद्ध क़ानूनी कार्यवाही की जाए।’’

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की मांग

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव ने सरकार से आग्रह किया, ‘‘ऐसा क़ानून बनाया जाए जो विभिन्न धर्मों के पवित्र व्यक्तित्वों (आस्था के प्रतीकों) के अपमान को निन्दनीय अपराध घोषित करता हो और उस पर तत्काल और उचित क़ानूनी कार्यवाही हो सके।’’ रहमानी ने इस मामले को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन को उचित और स्वाभाविक करार देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में प्रदर्शन करने वालों के विरुद्ध जिस प्रकार ‘एकतरफ़ा और भेदभावपूर्ण’ कार्यवाही की जा रही है वह अफ़सोसनाक और निन्दनीय है। 

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