Thursday, April 25, 2024
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क्या राजस्थान की राजनीति में होगा उलटफेर? अब बीएसपी ने जारी किया व्हिप

BSP ने कानून का हवाला देते हुए कहा है कि BSP एक नेशनल पार्टी है और अगर विधायक पार्टी की बात नहीं मानते हैं तो उन्हें डिसक्वालिफाई करने की प्रकिया को आगे बढ़ाया जा सकता है।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: July 27, 2020 1:03 IST
BSP issues Whip to Rajasthan MLAs । क्या राजस्थान की राजनीति में होगा उलटफेर? अब बीसपी ने जारी किया - India TV Hindi
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जयपुर. राजस्थान की राजनीति में अब बीएसपी नया मोड़ ले आई है। बीएसपी ने राजस्थान में अपने छह विधायकों को व्हिप जारी कर कांग्रेस के खिलाफ वोट देने को कहा है। पार्टी की तरफ से ये व्हिप अपने सभी छह विधायकों के नाम से जारी किया है। BSP के सभी विधायक कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं, इसको लेकर BSP ने अपने विधायकों को सख्त निर्देश दिए हैं।

BSP ने कानून का हवाला देते हुए कहा है कि BSP एक नेशनल पार्टी है और अगर विधायक पार्टी की बात नहीं मानते हैं तो उन्हें डिसक्वालिफाई करने की प्रकिया को आगे बढ़ाया जा सकता है। BSP ने विधायकों को भेजे पत्र में नो कॉन्फिडेंस मोशन के दौरान गहलोत सरकार के खिलाफ वोट देने का निर्देश दिया है। बीएसपी महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने राज्यपाल और स्पीकर को भी पार्टी का पत्र भेजा है।

बसपा के छह विधायकों को अयोग्य ठहराने की याचिका पर कोई कार्रवाई नहीं की: दिलावर

भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी ने कांग्रेस में विलय के लिए बसपा के छह विधायकों को अयोग्य ठहराने की उनकी याचिका पर कोई कार्रवाई नहीं की है। दिलावर ने रविवार को एक बयान में कहा कि संविधान की 10 वीं अनुसूची के तहत उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष बसपा विधायकों को अयोग्य करार किये जाने की याचिका 16 मार्च को प्रस्तुत की थी। उसके बाद 17 जुलाई को याचिका पर तुरंत कार्यवाही करने के लिये फिर से प्रार्थना की लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई। 

बसपा के छह विधायकों संदीप यादव, वाजिब अली, दीपचंद खेरिया, लखन मीणा, जोगेन्द्र अवाना और राजेन्द्र गुढ ने 2018 विधानसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर चुनाव जीता था। सभी विधायक सितम्बर 2019 में बसपा छोडकर कांग्रेस में शामिल हो गये थे। दिलावर ने कहा, ‘‘मैं आश्चर्यचकित हूँ कि बसपा के छह विधायकों के विरुद्ध दलविरोधी गतिविधियों की याचिका को मुझे बिना सुने, बिना नोटिस दिये निरस्त कर दिया। जबकि इंडियन नेशनल कांग्रेस के 19 सदस्यों के विरूद्ध प्रस्तुत दल विरोधी याचिका जिस दिन 14 जुलाई को प्रस्तुत हुई उसी दिन रात्रि में ही विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें नोटिस जारी करके 17 जुलाई तक जवाब प्रस्तुत करने को कहा।’’

दिलावर ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी के सदस्य व कांग्रेस पार्टी के सदस्य दोनों के विरुद्ध याचिका संविधान की दसवीं सूची अनुसार अयोग्य करार देने के लिये अध्यक्ष के समक्ष प्रस्तुत की गयी थी। जिस पर समानरूप में समयबद्ध कार्यवाही अपेक्षित थी, परन्तु समान रूप से कार्यवाही हुई नहीं। दिलावर ने राजस्थान उच्च न्यायालय में शुक्रवार को याचिका दायर करके बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस के साथ हुए विलय को रद्द करने का अनुरोध किया। मदन दिलावर द्वारा दायर इस याचिका में विधानसभा अध्यक्ष की ‘‘निष्क्रियता’’ को भी चुनौती दी गई है जिन्होंने बहुजन समाज पार्टी के विधायकों को विधानसभा से अयोग्य ठहराने के उनके अनुरोध पर कोई निर्णय नहीं लिया है। उच्च न्यायालय की एकल न्यायाधीश की पीठ सोमवार को इस याचिका पर सुनवाई करेगी। 

With inputs from Bhasha

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