Friday, March 29, 2024
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Citizenship Amendment Bill: गृह मंत्री अमित शाह के आश्वासन के बाद मणिपुर बंद स्थगित

केंद्र सरकार से मणिपुर राज्य में ‘इनर लाइन परमिट’ (आईएलपी) व्यवस्था लागू होने का आश्वासन मिलने के बाद ‘मणिपुर पीपल अगेंस्ट सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल’ (एमएएनपीएसी) संगठन ने मंगलवार को मणिपुर बंद का आह्वान वापस ले लिया।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: December 10, 2019 7:20 IST
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Citizenship Amendment Bill: गृह मंत्री अमित शाह के आश्वासन के बाद मणिपुर बंद स्थगित

नई दिल्ली: केंद्र सरकार से मणिपुर राज्य में ‘इनर लाइन परमिट’ (आईएलपी) व्यवस्था लागू होने का आश्वासन मिलने के बाद ‘मणिपुर पीपल अगेंस्ट सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल’ (एमएएनपीएसी) संगठन ने मंगलवार को मणिपुर बंद का आह्वान वापस ले लिया। आईएलपी सरकार द्वारा जारी एक आधिकारिक यात्रा दस्तावेज है जिससे किसी भी भारतीय नागरिक को देश के भीतर संरक्षित क्षेत्रों में सीमित अवधि तक ही यात्रा करने की अनुमति मिलती है। नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध करने वाले संगठन एमएएनपीएसी के संयोजक युमनामचा दिलीपकुमार ने बताया कि उन्होंने मंगलवार को होने वाली हड़ताल स्थगित कर दी है। 

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उन्होंने कहा कि एमएएनपीएसी ने मंगलवार को जनता द्वारा विधेयक की समीक्षा करने के लिए एक बैठक बुलाई है। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह ने दिन में कहा था कि उन्हें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मणिपुर में आईएलपी व्यवस्था लागू किये जाने का आश्वासन प्राप्त हुआ है। 

सिंह ने लोगों से आग्रह किया कि वे राज्य के स्थानीय समुदायों की रक्षा करने के लिए इस कदम के वास्ते केंद्र सरकार को धन्यवाद दें। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आईएलपी को मणिपुर में खुले तौर पर लागू किया जाएगा।’’ उन्होंने राज्य में आईएलपी लागू होने पर मंगलवार को सभी सरकारी विभागों में अवकाश की भी घोषणा की।

बता दें कि लोकसभा से नागरिकता संशोधन बिल पास हो चुका है लेकिन पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में इसका विरोध हो रहा है। पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों को इस बात का डर है कि नागरिकता बिल के पारित हो जाने से जिन शरणार्थियों को नागरिकता मिलेगी उनसे उनकी पहचान, भाषा और संस्कृति ख़तरे में पड़ जाएगी। सबसे ज्यादा विरोध असम में हो रहा है।

पूर्वोत्तर की आशंकाओं को गृह मंत्री ने कम करने की कोशिश की। लोकसभा में उन्होंने कहा कि ट्राइबल इलाक़ों में नागरिकता बिल का कोई असर नहीं होगा। मेघालय, नागालैंड, मिज़ोरम और अरुणाचल जैसे राज्यों में क़ानून लागू ही नहीं होगा जबकि असम में बोड़ो, कार्बी और डिमासा इलाक़े संविधान की छठी अनुसूची के अंतर्गत आते हैं, लिहाज़ा नागरिकता संसोधन क़ानून लागू ही नहीं होगा।

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