Monday, May 20, 2024
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जेटलीजी, सत्ता के पक्ष में होने से ज्यादा न्यायोचित होना महत्वपूर्ण है: कांग्रेस

कांग्रेस की अगुवाई में राज्यसभा में सात दलों के 64 सदस्यों ने शुक्रवार को उपराष्ट्रपति व राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू को प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा को कदाचार के पांच आधारों पर हटाने के लिए महाभियोग लाने का प्रस्ताव सौंपा है...

Reported by: IANS
Published on: April 22, 2018 8:32 IST
arun jaitley- India TV Hindi
arun jaitley

नई दिल्ली: कांग्रेस ने महाभियोग के प्रस्ताव को केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा 'प्रतिशोध की याचिका' करार दिए जाने वाले बयान पर शनिवार को पलटवार किया। कांग्रेस ने कहा कि 'सत्ता के यथोचित पक्ष में होने से ज्यादा न्यायोचित होना महत्वपूर्ण है।' सिलसिलेवार ट्वीट के जरिए कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सौमित्र सेन को अपदस्थ करने के लिए न्यायाधीश जांच अधिनियम के तहत संवैधानिक प्रक्रिया का पालन किया। उन्होंने ट्वीट के साथ महाभियोग को समर्थन करते हुए जेटली का एक वीडियो भी पोस्ट किया।

वीडियो का हवाला देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, "श्रीमान जेटली, आपने जब न्यायमूर्ति सेन के महाभियोग के पक्ष में दलील पेश की थी तो किसी ने आपके ऊपर प्रतिशोध की राजनीति करने का आरोप नहीं लगाया था। यूपीए सरकार ने न्यायाधीश जांच अधिनियम के तहत संवैधानिक प्रक्रिया का पालन किया था। ऐसा प्रतीत होता है कि इस मामले में आपका रुख भी यही था।" एक अन्य ट्वीट में सुरजेवाला ने 2015 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्त आयोग (एनजेएसी) अधिनियम को विफल करने पर जेटली की प्रतिक्रिया का जिक्र किया।

उन्होंने कहा, "श्रीमान जेटली, सत्ता के यथोचित पक्ष में होने से ज्यादा न्यायोचित होना महत्वपूर्ण है। आपकी याददाश्त को ताजा करने का वक्त है। अगर सांसद महाभियोग की संवैधानिक प्रक्रिया का पालन करते हैं तो यह बदले की राजनीति है। अगर जेटली जी सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को अनिर्वाचित की निरंकुशता कहते हैं तो यह विधिमान्य विचार है।"जेटली ने शुक्रवार को कांग्रेस पर महाभियोग प्रस्ताव को राजनीतिक औजार के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और कहा कि यह न्यायाधीश बी.एस. लोया की मौत मामले में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद न्यायपालिका को धमकाने की प्रतिशोधात्मक याचिका है।

कांग्रेस की अगुवाई में राज्यसभा में सात दलों के 64 सदस्यों ने शुक्रवार को उपराष्ट्रपति व राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू को प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा को कदाचार के पांच आधारों पर हटाने के लिए महाभियोग लाने का प्रस्ताव सौंपा है।

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