Sunday, April 28, 2024
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'श्रीराम को नकारने की सजा आज कांग्रेस पार्टी भुगत रही', राम मंदिर पर चर्चा के दौरान बोले बीजेपी सांसद सत्यपाल सिंह

लोकसभा में बागपत से बीजेपी सांसद सत्यपाल सिंह राम मंदिर का प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि प्रभु श्रीराम सिर्फ हिंदुओं के ही नहीं हैं, वह सबके हैं, भगवान राम हम सबके पूर्वज भी हैं और हम सबके लिए प्ररेणा भी हैं।

Sudhanshu Gaur Edited By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Published on: February 10, 2024 14:42 IST
BJP- India TV Hindi
Image Source : FACEBOOK बीजेपी सांसद सत्यपाल सिंह

नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल के दौरान का अंतिम लोकसभा सत्र चल रहा है। यह बजट सत्र 31 जनवरी से 9 फरवरी तक चलना था लेकिन इसे एक दिन और बढ़ा दिया गया। 10 फरवरी को लोकसभा में राम मंदिर को लेकर धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया गया। इस चर्चा के दौरान भारतीय जनता पार्टी के सांसद सत्यपाल सिंह कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। 

उन्होंने कहा, "मेरा सौभाग्य है कि मुझे संसद के अंदर अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और रामलला प्राण प्रतिष्ठा के बारे में बोलने का अवसर मिला। आजाद भारत के इस महान सदन में, जो सदन हम सब सांसदों को गौरवान्वित करता है, उस सदन में भगवान राम के बारे में बोलना, उनके मंदिर के बारे में अपना प्रस्ताव को रखना आज मेरे लिए बड़ा दिन है, अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा होते देखना और वहां जाकर दर्शन करना यह अपने आप में ऐतिहासिक है।"

'प्रभु श्रीराम सिर्फ हिंदुओं के ही नहीं हैं, वह सबके हैं'

बीजेपी सांसद सत्यपाल सिंह ने कहा कि प्रभु श्रीराम सिर्फ हिंदुओं के ही नहीं हैं, वह सबके हैं, भगवान राम हम सबके पूर्वज भी हैं और हम सबके लिए प्ररेणा भी हैं।" उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, "जिस प्रकार से कांग्रेस ने भगवान राम को नकारा, इसलिए आज उनकी ये स्थिति है।" सत्यपाल सिंह ने कहा, "2008 में मैंने एक लेख लिखा था, जो लोग कहते हैं भगवान राम इस धरती पर पैदा नहीं हुए हैं, उस समय मैंने 20 सवाल लिखे थे, और दुनिया में इतिहासकार हैं, जो अपने को आर्कियोलॉजिस्ट कहते हैं, उनको मैंने चैलेंज किया था, इन सवालों का जवाब दो।" सत्यपाल सिंह ने कहा, "अयोध्या के अंदर सब लोग मानते हैं कि भगवान राम अयोध्या में ही पैदा हुए।"

वर्षों से चली आ रही लड़ाई समाप्त हुई- अमित शाह

वहीं चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 22 जनवरी का दिन इतिहास में दर्ज हो गया है। इस दिन का दशकों से इंतजार किया जा रहा था। इस दिन के लिए हजारों लोगों ने अपनी जान न्योछावर कर दी। वर्षों से चली आ रही यह लड़ाई 22 जनवरी को समाप्त हो गई। अमित शाह ने कहा कि कई लोग राम मंदिर का विरोध कर रहे थे, वह मंदिर का नहीं बल्कि देश के इतिहास, धार्मिक भावनाओं और जनता की आस्था का विरोध करते हैं।

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