Saturday, April 27, 2024
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महिला आरक्षण विधेयक पर केंद्र सरकार के खिलाफ उतरेगी कांग्रेस, 21 शहरों में महिला नेताओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस

कांग्रेस पार्टी ने भले ही लोकसभा और राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक का समर्थन किया हो लेकिन पार्टी ने बिल को लेकर कई सवाल भी उठाए हैं। पार्टी ने मोदी सरकार पर महिलाओं से आरक्षण के नाम पर छल करने का आरोप लगाया है।

Subhash Kumar Written By: Subhash Kumar @ImSubhashojha
Updated on: September 25, 2023 7:19 IST
Representative Image- India TV Hindi
Image Source : ANI सांकेतिक फोटो।

संसद के विशेष सत्र में लोकसभा और राज्यसभा दोनों में ही महिला आरक्षण विधेयक को रिकॉर्ड सदस्यों के वोट से पास करा दिया गया है। कांग्रेस समेत लगभग तमाम विपक्षी दलों ने इस विधेयक को लेकर केंद्र की मोदी सरकार का समर्थन किया। हालांकि, सदन में विपक्षी दलों के नेताओं की ओर से विधेयक में कई खामियां भी बताई गई और सरकार पर आरोप लगाए गए। अब कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस विधेयक को लेकर सरकार का विरोध करने का फैसला किया है।

क्या करेगी कांग्रेस?

कांग्रेस पार्टी की ओर से जानकारी दी गई है कि वह महिला आरक्षण विधेयक को लेकर मोदी सरकार को बेनकाब करने जा रही है। पार्टी ने जानकारी दी है कि उसके 21 महिला नेताओं की ओर से देश के 21 शहरों में 25 सितंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित किए जाएंगे। इस कॉन्फ्रेंस में सरकार को बेनकाब किया जाएगा। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी कहा कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का एजेंडा-महिला आरक्षण के नाम पर मोदी सरकार के धोखे को उजागर करना है।

21 नेताओं की लिस्ट जारी
कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए 21 महिला नेताओं की लिस्ट भी जारी कर दी है। सांसद रजनी पाटिल अहमदाबाद में, तो महिला कांग्रेस प्रमुख नेट्टा डिसूजा हैदराबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगी। पार्टी के नेताओं के मुताबिक, रंजीत रंजन भुवनेश्वर में, अलका लांबा जयपुर में, अमी याग्निक मुंबई में, रागिनी नायक रांची में और शमा मोहम्मद श्रीनगर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगी। यहां देखें पूरी लिस्ट- 

सोनिया गांधी ने भी उठाए थे सवाल
कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने भी महिला आरक्षण विधेयक का समर्थन करते हुए इसमें कई खामियां बताई थीं। उन्होंने कहा था कि हम इस बिल का समर्थन करते हैं लेकिन हमें चिंता भी है। उन्होंने कहा था कि भारतीय महिलाएं 13 वर्षों से अपनी जिम्मेदारियों का इंतजार कर रही हैं। अब उन्हें कुछ और साल रुकने को कहा जा रहा है। उन्हें कितने साल रुकना होगा? क्या ये व्यवहार सही है। सोनिया गांधी ने कहा था कि इस बिल को तत्काल लागू करना चाहिए लेकिन इसके साथ ही जातिगत जनगणना करवा कर एससी-एसटी, ओबीसी वर्ग की महिलाओं को आरक्षण दिया जाना चाहिए। 

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