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क्या है चुनाव आयोग पर राहुल गांधी के आरोपों की सच्चाई? ग्राउंड जीरो पर क्या मालूम चला? यहां जानिए

क्या है चुनाव आयोग पर राहुल गांधी के आरोपों की सच्चाई? ग्राउंड जीरो पर क्या मालूम चला? यहां जानिए

Edited By: Subhash Kumar @ImSubhashojha
Published : Aug 08, 2025 10:53 pm IST, Updated : Aug 08, 2025 11:35 pm IST
election commisson vs rahul gandhi- India TV Hindi
Image Source : PTI राहुल गांधी। (फाइल फोटो)

राहुल गांधी चुनाव आयोग पर आरोप लगाने के बाद तो एफिडेविट देने में डर रहे हैं। हालांकि, चुनाव आयोग ने ग्राउंड पर काम शुरू कर दिया है और राहुल के दावों की जांच शुरू कर दी है। चूंकि राहुल गांधी ने कल कर्नाटक की महादेवपुरा सीट का उदाहरण देकर वोटों की हेरा-फेरी का आरोप लगाया था। राहुल गांधी का सबसे बड़ा आरोप ये था कि महादेवपुरा में एक एड्रेस पर 80 वोट बने थे। वन बेडरूम के फ्लैट के एड्रेस पर पचास वोटर रजिस्टर किए गए। ये सारे वोट बीजेपी को जिताने के लिए बनाए गए। राहुल गांधी ने जो जो एड्रेस बताए। वहां आज सुबह-सुबह ही इलाके के इलेक्शन अफसर पहुंच गए। आइए जानते हैं राहुल गांधी के दावे का सच क्या निकला?

सच क्या मालूम चला?

BLO ने उस पते पर रजिस्टर वोटर्स के नाम चेक किए। जिस वक्त इलेक्शन कमीशन की टीम पहुंची उसी वक्त हमारे संवाददाता टी राघवन भी मौके पर पहुंच गए। राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि बैंगलुरु के मुनि रेड्डी गार्डेन में हाउस नंबर 35 के पते पर 80 वोटर रजिस्टर्ड हैं। टी राघवन ने बताया कि मुनि रेड्डी गार्डेन का हाउस नंबर 35 वाकई में 10 by 10 का एक छोटा सा कमरा है जहां बमुश्किल 3 से 4 लोग रह सकते हैं। मकान मालिक का नाम जयराम रेड्डी है।

इस घर की जांच करने पहुंची BLO ने बताया कि ये बात सही है कि इस मकान के पते पर 80 वोट रजिस्टर हैं लेकिन इस इलाके में बने इस तरह के छोटे छोटे घरों में दूसरे इलाकों से आए मजदूर किराए पर रहते हैं जो आसपास के इलाकों में हाउस हेल्प या सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते हैं। अक्सर मकान बदलते रहते हैं लेकिन शुरू में जहां रहते हैं उसी मकान के पते का एड्रेस प्रूफ देकर पहचान पत्र बनवा लेते हैं जिससे सरकारी योजनाओं का फायदा ले सकें घर बदल जाता है लेकिन एड्रेस वही रहता है। इसीलिए इस पते पर 80 वोटर के नाम दिख रहे हैं। मकान मालिक के भाई गोपाल रेड्डी ने कहा कि छोटे मोटे काम करने वालों को बार-बार वोटर कार्ड बनवाने में परेशानी होती है। इसलिए कई किराएदार आए और चले गए लेकिन उन्होंने वोटर लिस्ट से अपना नाम नहीं हटवाया।

क्या सारे फर्जी वोटर हैं?

ये तो क्लियर है कि एक मकान के पते पर 80 वोटर रजिस्टर हैं लेकिन राहुल गांधी का दावा है कि ये सारे फर्जी वोटर हैं। सारे फर्जी वोट बीजेपी ने बनवाए और इन लोगों के नाम पर बीजेपी को वोट डाले गए। ये निष्कर्ष राहुल ने कैसे निकाला ये वही जानें। अब आपको दूसरा उदाहरण दिखाते हैं। राहुल गांधी का आरोप है कि महादेवपुरा की वोटर लिस्ट में 4 हज़ार 132 नाम ऐसे थे जिनकी फोटो क्लियर नहीं थी राहुल ने दावा किया था कि ये भी वोटों की चोरी का एक तरीक़ा है।

राहुल ने जिनके नाम वोटर लिस्ट में दिखाए थे उनमें से तीन वोटर्स को खोजकर आज India TV के संवाददाता राघवन उनसे मिले। ये तीनों एक ही फैमिली के मेंबर हैं। ये फैमिली पिछले 12 साल से बेंगलुरु में रहती है। पहले उनका घर विजय नगर इलाक़े में था। वहां का वोटर कार्ड बना था। बाद में ओमप्रकाश अपनी फैमिली के साथ महादेवपुरा शिफ्ट हो गए। यहां अभी उनका वोटर ID कार्ड नहीं बना लेकिन, उन्होंने पिछले चुनाव में आधार कार्ड दिखाकर महादेवपुरा में ही वोट किया था और नया वोटर कार्ड बनाने के लिए अप्लाई किया हुआ है। उन्होंने कहा कि वो फर्जी वोटर नहीं हैं। उन्होंने एक जगह ही वोट डाला है। राहुल गांधी को इस तरह उन्हें बदनाम नहीं करना चाहिए।

आदित्य श्रीवास्तव ने क्या बताया?

राहुल गांधी को जिन लोगों की फोटो वोटर कार्ड में नहीं दिखी उनके चेहरे राहुल को देख लेने चाहिए। ये न फर्जी वोटर हैं न डमी वोटर हैं। राहुल ने कल आदित्य श्रीवास्तव का नाम बार बार लिया था, कहा था कि आदित्य श्रीवास्तव, लखनऊ में भी वोटर हैं। मुंबई की वोटर लिस्ट में भी उनका नाम है और वो महादेवपुरा की वोटर लिस्ट में भी हैं। अब एक ही आदमी कैसे तीन राज्यों में वोटर हो सकता है। चुनाव आयोग इसका जवाब दे। यूपी के चुनाव अधिकारी ने तो कल ही ये क्लियर कर दिया था कि आदित्य श्रीवास्तव का नाम लखनऊ की वोटर लिस्ट में नहीं है।

आज हमारे संवाददाता दिनेश मौर्य ने चुनाव आयोग के इस दावे की जांच की और आदित्य श्रीवास्तव को खोजा, उनसे फोन पर संपर्क किया। उनसे पूछा कि आखिर तीन राज्यों की वोटर लिस्ट में उनका नाम क्यों है? आदित्य श्रीवास्तव ने बताया कि वो लखनऊ के रहने वाले हैं। इसलिए पहले उनका नाम लखनऊ की वोटर लिस्ट में था। बाद में वो मुंबई आ गए तो 2018 में उन्होंने चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जाकर अपना वोट मुंबई ट्रांसफर करा लिया था और चार साल पहले वो मुंबई से बेंगलुरु शिफ्ट हुए तो उन्होंने अपना वोट बेंगलुरु में ट्रांसफर करा लिया था उनके पास एक ही वोटर ID है और वो सिर्फ बेंगलुरु में वोट डालते हैं। लखनऊ और मुंबई से उन्होंने वोट ट्रांसफर कराया। इसीलिए उनका एपिक नंबर एक ही है।

महादेवपुरा में लगातार जीतती रही है भाजपा

राहुल गांधी ने जो दावे किए, चुनाव आयोग इन दावों की गहराई में गया, तो राहुल के दावे बेमानी और फर्जी निकले। जैसे राहुल गांधी का दावा है कि बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट में कुल 7 विधानसभा सीटें हैं जिनमें से 6 पर कांग्रेस जीती लेकिन एक महादेवपुरा सीट पर बीजेपी को एक लाख चालीस हजार वोट मिले जिसके कारण लोकसभा सीट कांग्रेस हार गई। ये बात सुनने में बहुत कन्विंसिंग लगती है लेकिन सच्चाई कुछ और है। हकीकत ये है कि बेंगलुरु सेंट्रल सीट के अंदर सात नहीं 8 विधानसभा सीटें आतीं हैं। कांग्रेस को 8 में से पांच सीटों पर ज्यादा वोट मिले और बीजेपी को तीन पर इसलिए राहुल का ये दावा बिलकुल बेबुनियाद है कि सिर्फ महादेवपुरा सीट पर ज्यादा वोट मिलने की वजह से बीजेपी जीती।

दूसरी बात ये कि महादेवपुरा में भी बीजेपी को बढ़त मिलना कोई नई बात नहीं है क्योंकि ये सीट 2008 में बनी और उसके बाद से बीजेपी इस सीट पर लगातार जीतती रही। कांग्रेस महादेवपुरा में कभी नहीं जीत पाई। बेंगलुरु सेंट्रल सीट भी 2009 में बनी थी उसके बाद यहां से लगातार बीजेपी ही जीती है, कांग्रेस हर बार हारी है। ये उदाहरण इस बात का कि राहुल गांधी के दावों में आधा सच और आधा झूठ है।

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