Thursday, December 11, 2025
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CIC में नियुक्तियों को लेकर राहुल गांधी के दावे हुए धराशायी, सामने आई एक अलग ही कहानी

राहुल गांधी ने CIC में शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों में SC, ST, OBC, EBC, और अल्पसंख्यक समुदायों के प्रतिनिधित्व की कमी पर सवाल उठाए थे, जिन्हें सरकारी सूत्रों ने खारिज कर दिया। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, NDA सरकार ने इन समुदायों का प्रतिनिधित्व पहले के मुकाबले बढ़ाया है।

Reported By : Devendra Parashar Edited By : Vineet Kumar Singh Published : Dec 11, 2025 04:35 pm IST, Updated : Dec 11, 2025 04:37 pm IST
Rahul Gandhi, CIC appointments, Rahul Gandhi on SC ST OBC representation- India TV Hindi
Image Source : PTI लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी।

नई दिल्ली: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने केंद्रीय सूचना आयोग यानी कि CIC में सूचना आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। मीडिया में ऐसी खबरें आने के बाद सरकारी सूत्रों ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष के द्वारा किए गए दावे हकीकत से कोसों दूर हैं। वहीं, राहुल गांधी के करीबी सूत्रों के मुताबिक, बैठक में नेता प्रतिपक्ष ने अपना विरोध दर्ज कराया और कहा कि शॉर्टलिस्ट में अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EBC) और अल्पसंख्यक समुदायों के नाम शामिल नहीं हैं। उन्होंने दावा किया कि संवैधानिक और स्वायत्त संस्थाओं में इन समुदायों को जानबूझकर बाहर रखने का एक 'व्यवस्थित पैटर्न' चल रहा है।

राहुल गांधी के दावे कैसे हुए धराशायी?

सरकारी सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी के दावों के विपरीत असल तथ्य अलग तस्वीर पेश करते हैं। केंद्रीय सूचना आयोग की स्थापना 2005 में हुई थी। 2005 से 2014 तक UPA सरकार के कार्यकाल में SC/ST समुदाय से एक भी व्यक्ति को आयोग का सदस्य या अध्यक्ष नहीं बनाया गया। NDA सरकार ने ही 2018 में सुरेश चंद्रा को नियुक्त किया, जो ST समुदाय से थे। 2020 में हीरालाल समरिया को सूचना आयुक्त बनाया गया और 2023 में वे SC समुदाय से ताल्लुक रखने वाले पहले मुख्य सूचना आयुक्त (CIC) बने। बुधवार को हुई बैठक में 8 रिक्तियों के लिए विचार किया गया था। सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार ने एक SC, एक ST, एक OBC, एक अल्पसंख्यक प्रतिनिधि और एक महिला की सिफारिश की थी। कुल मिलाकर, 8 में से 5 नाम वंचित समुदायों से थे, ऐसे में इन तथ्यों के सामने राहुल गांधी के दावे टिक नहीं पाते।

'राहुल ने जोरदार तरीके से उठाया मुद्दा'

वहीं, राहुल गांधी के करीबी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से CIC, 8 IC और CVC में एक VC की नियुक्ति के लिए होने वाली बैठक में दलित, आदिवासी, OBC/EBC और अल्पसंख्यक समुदायों से 90 प्रतिशत भारतीयों को बाहर रखने का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया। राहुल गांधी ने कहा कि संवैधानिक और स्वायत्त संस्थाओं में इस तरह का बहिष्कार एक व्यवस्थित पैटर्न है। कुछ हफ्ते पहले उन्होंने आवेदकों की जातिगत संरचना की जानकारी मांगी थी। गुरुवार को दी गई जानकारी में सरकार ने माना कि आवेदकों में से 7 प्रतिशत से भी कम उम्मीदवार और शॉर्टलिस्ट किए गए लोगों में से सिर्फ एक उम्मीदवार बहुजन समुदायों से थे।

'कुछ नियुक्तियों पर विचार करने की सहमति'

राहुल गांधी के करीबी सूत्रों के मुताबिक, नेता प्रतिपक्ष के द्वारा मुद्दा उठाने के बाद प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने सीमित आवेदक पूल से कुछ नियुक्तियों पर विचार करने को लेकर सहमति जताई। सूत्रों द्वारा कहा गया कि समिति में सरकार का 2:1 से बहुमत है, ऐसे में अब देखना है कि नेता प्रतिपक्ष के विरोध को नियुक्तियों में कैसे विचार किया जाता है।

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