नई दिल्लीः लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है। राहुल गांधी ने कहा कि सरकार विपक्ष को नजर अंदाज कर रही है। विदेश से आने वाले नेताओं को सरकार नेता प्रतिपक्ष से नहीं मिलने देती। राहुल गांधी ने कहा कि विदेश से आने वाले डेलिगेशन के साथ नेता प्रतिपक्ष की मीटिंग होती है। ये ट्रेडीशन है, हमेशा से होता आया है, लेकिन मोदी सरकार बाहर से आने वाले डेलिगेट्स से कहती है कि LOP से न मिलें। ये हर बार किया जा रहा है।
सरकार प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहीः राहुल
कांग्रेस नेता ने कहा कि भारत का प्रतिनिधित्व सिर्फ सरकार नहीं, विपक्ष भी करता है, फिर भी सरकार नहीं चाहती कि विपक्ष बाहर के लोगों से मिले। नेता विपक्ष का बाहर से आए डेलिगेट्स से मिलना एक परंपरा है, लेकिन नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्रालय इसे फॉलो नहीं करते हैं। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि विदेशी गणमान्य व्यक्ति जब भारत आते हैं या जब मैं कहीं बाहर (विदेश) जाता हूं तो सरकार उनको सुझाव देती है कि नेता प्रतिपक्ष से नहीं मिलना चाहिए, तो यह(सरकार) उनकी नीति है।
राहुल गांधी ने कहा कि अटल विहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह के कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि पूर्व सरकारों में विदेश मेहमानों को नेता प्रतिपक्ष से मिलने दिया जाता था। लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है। वहीं, प्रियंका गांधी ने भी राहुल के आरोपों का समर्थन किया। प्रियंका ने कहा कि सरकार प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रही है।
राहुल गांधी के आरोपों का प्रियंका गांधी ने किया समर्थन
प्रियंका गांधी ने भी राहुल के आरोपों का समर्थन किया। प्रियंका ने कहा कि यह प्रोटोकॉल होता है कि कोई भी विदेशी गणमान्य व्यक्ति नेता प्रतिपक्ष से मिलते हैं लेकिन इस प्रोटोकॉल का उल्टा होता है। इस सरकार की सभी नीतियां इसी आधार पर हैं...वो किसी और आवाज को उठने नहीं देना चाहते हैं और किसी और का पक्ष नहीं सुनना चाहते। वो प्रोटोकॉल को तोड़ रहे हैं।
सपा सांसद का भी सामने आया बयान
वहीं, समाजवादी पार्टी के सांसद राजीव राय ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के विदेशी मेहमानों से मिलने नहीं दिया जा रहा वाले बयान पर कहा, "अगर ऐसा हो रहा है तो ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण हैं। परंपरा कायम रहनी चाहिए चाहे प्रतिपक्ष नेता हो चाहे कोई देश का सांसद हो सबके लिए राष्ट्रसर्वोपरि होता है। देश की जब बात आती है तो सब एक आवाज में बात करते हैं। ऑपरेशन सिंदूर पर पूरा देश एक साथ खड़ा था। देश की बात करने के लिए मुझे नहीं लगता नेता प्रतिपक्ष को रोकना चाहिए।
राहुल के आरोपों पर आई बीजेपी की प्रतिक्रिया
राहुल गांधी के आरोपों पर सरकार और बीजेपी ने कड़ा जवाब दिया है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि विदेशी मेहमानों की विपक्षी नेताओं से मुलाकात में सरकार का कोई दखल नहीं होता और यह उनका निजी फैसला होता है। पात्रा ने बताया कि नेता विपक्ष बनने के बाद राहुल गांधी से कई विदेशी नेता मिल चुके हैं जिनमें शेख हसीना (10 जून 2024), मलेशिया के पीएम अनवर इब्राहिम (21 अगस्त 2024), न्यूज़ीलैंड के पीएम क्रिस्टोफर लक्सन (18 मार्च 2025) और मॉरीशस के पीएम नवीनचंद्र रामगुलाम (16 सितंबर 2025) शामिल हैं। पात्रा ने तंज कसा, 'अगर कोई विदेशी मेहमान राहुल गांधी से नहीं मिलना चाहता, तो इसमें सरकार क्या कर सकती है?'
राहुल गांधी के बयान पर भाजपा सांसद कंगना रनौत ने कहा कि ये सरकार के फैसले होते हैं। अटल जी देशभक्त थे। पूरे देश को उन पर गर्व था...लेकिन देश के लिए राहुल गांधी की भावनाएं काफी शंकास्पद हैं। इंटरनेशनल साज़िशें या देश में दंगे करवाने की बात हो या 'टुकड़े-टुकड़े' की साज़िशें- यह थोड़ा शंकास्पद है...लेकिन अगर राहुल गांधी अपनी तुलना अटल जी से कर रहे हैं, तो मेरा उनके लिए बस एक सुझाव रहेगा कि भाजपा में शामिल हो जाइए। भगवान ने आपको भी जीवन दिया है और आप भी अटल जी बन सकते हैं।
उधर, बीजेपी सांसद शशांक मणि ने राहुल गांधी के आरोपों पर कहा कि एक प्रोटोकॉल होता है जिसमें पीएम मोदी के नेतृत्व में बहुत महत्वपूर्ण चर्चाएं हो रही हैं। अगर आवश्यकता होगी तो उसमें अन्य पार्टियों के सदस्यों से भी मुलाकात होगी। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का स्वागत है। हम लोग ने दुख-सुख के घड़ी में रूस के साथ समय बिताया है, बहुत गहरी और लंबी संबंध है।
इनपुट- एएनआई


