Saturday, April 27, 2024
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2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में ताल ठोंकेगी ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस

ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मैदान में उतरेगी।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: April 03, 2021 17:18 IST
2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में ताल ठोंकेगी ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में ताल ठोंकेगी ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस

लखनऊ। ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मैदान में उतरेगी। मजलिस के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर बशीर अहमद खान ने शनिवार को प्रेसवार्ता में कहा कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश में साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में ''मजबूती'' के साथ हिस्सा लेगी। उन्होंने कहा कि मुस्लिम मजलिस भाजपा के अलोकतांत्रिक और सांप्रदायिक राज को खत्म करने के लिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया में यकीन रखने वाले राजनीतिक दलों से तालमेल भी करेगी।

खान ने आरोप लगाया कि 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' का झूठा नारा देने वाली सत्तारूढ़ भाजपा की सरपरस्ती में अल्पसंख्यकों, दलितों, पिछड़ों और अति पिछड़ों के खिलाफ माहौल बनाकर अत्याचार किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके दूरगामी परिणाम देश की कानून व्यवस्था और राष्ट्रीय सौहार्द के लिए घातक साबित होंगे। खान ने मांग की कि संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी का विरोध करने पर गिरफ्तार किये गये बेगुनाह लोगों, छात्र-छात्राओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं को फौरन रिहा किया जाए।

उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव को सेमीफाइनल मान रही हैं सभी पार्टियां!

उत्तर प्रदेश का पंचायत चुनाव इस बार मिनी विधानसभा चुनाव के तौर पर देखा जा रहा है। इसी कारण सभी पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी है। कोशिश है कि इसमें ज्यादा से ज्यादा सफलता पाकर 2022 के विधानसभा चुनावों के लिए जनता को एक बड़ा संदेश दे सकें। इस चुनाव के माध्यम से सभी दल विधानसभा चुनाव में हैसियत का आकलन करने में लगी है।

सत्तारूढ़ दल भाजपा पंचायत चुनाव को लेकर सबसे ज्यादा सक्रिय है। पार्टी ने पंचायत चुनाव की तैयारी बहुत पहले से ही शुरू कर दी थी। पार्टी ने मंडल से लेकर पंचायत स्तर तक कई बैठकें कर पदाधिकारियों को जनता के बीच सरकार के कार्यों को पहुंचाने की जिम्मेदारी दी है। राज्य का नेतृत्व बूथ लेवल से लेकर हर स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ कई बार बैठकें कर चुका है।

समाजवादी पार्टी पंचायत चुनाव को सत्ता का सेमीफाइनल मान कर देख रही है। इस कारण वह पूरे दमखम से मैदान में उतर रही है। सपा मुखिया अखिलेश यादव चुनाव को गंभीर ढंग से लड़ने का पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को निर्देश दे चुके हैं। इसी को देखते हुए वह पूरब से लेकर पश्चिम तक दौरा कर रहे हैं। इस दौरान वह मंदिर-मंदिर जाने के अलावा वह भाजपा से नाराज चल रहे किसानों को अपने पाले में लाने का प्रयास कर रहे हैं। पंचायत चुनाव के लिए उम्मीदवार का चयन का काम जिलाध्यक्षों को सौंपा गया है। वहीं, चुनाव के लिए संयोजक भी बने हैं। जिला संयोजक दावेदारों के आवेदन पर विचार किया जा रहा है। पार्टी के पदाधिकारियों का कहना है कि पंचायत चुनाव को पूरे-दम खम के साथ लड़ा जाएगा।

पंचायत चुनावों को लेकर बसपा भी अपनी बिसात बिछा रही है। चुनाव को देखते हुए मायावती इन दिनों लखनऊ पर डेरा जमाए हुए हैं। विधानसभा चुनाव में टिकट की मांग कर रहे लोगों को पंचायत चुनाव में बेहतर परिणाम लाने के निर्देश दिए हैं। मंडलवार बैठक कर पंचायत चुनाव की जिम्मेदारी तय कर दी गयी है। प्रत्याशी चुनने की जिम्मेदारी बसपा ने मुख्य जोन इंचार्जो को सौंपी है। इन चुनावों को लेकर बसपा गंभीर है। मायावती ने साफ किया है कि विधानसभा चुनाव में टिकट पंचायत चुनाव के परफॉरमेंस के आधार पर ही दिया जाएगा।

कांग्रेस पंचायत चुनाव के जरिए अपनी खोई जमीन पाने के प्रयास में है। पार्टी पंचायत चुनाव में जिला पंचायत सदस्यों पर दांव लगाएगी। इसके लिए बैठकों का दौर जारी है। जिले में संगठन के पदाधिकारियों को मजबूत प्रत्याशी तलाशने को कहा गया है। आम आदमी पार्टी (आप) भी पहली बार यूपी पंचायत चुनाव में भाग्य आजमाने जा रही है। विधानसभा चुनाव से पहले वह अपनी तैयारियों को परखना चाहती है। पार्टी ने कुछ प्रत्याशियों के नाम का ऐलान भी किया है। पार्टी के नेता चुनाव को देखते हुए सरकार को घेरने में लगे हैं।

वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेशक प्रसून पांडेय का कहना है कि पंचायत चुनाव हर पार्टी के लिए परीक्षा है। इसी कारण राज्य की प्रमुख सियासी पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। इस बार का पंचायत चुनाव इसलिए भी खास है क्योंकि भाजपा, सपा, बसपा और कांग्रेस के साथ ही आम आदमी पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम भी मैदान में हैं। सभी दलों की कोशिश है कि वह 2022 से पहले पंचायत चुनाव में अच्छा परिणाम लकार जनता के बीच बड़ा संदेश दें।

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