Friday, May 17, 2024
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जानिए नाग को दूध पिलाने की परंपरा की शुरुआत कैसे हुई

हिंदू धर्म के शास्त्रों में उल्लेख मिलता है कि सांपों को दूध पीलाने से सर्प देवता प्रसन्न होते हैं। जिससे आप पर कृपा बनी रहे। आपको अपनी खबर में बताएगे कि सापों को दूध पिलाने की शुरुआत कैसे हुई।

India TV Lifestyle Desk India TV Lifestyle Desk
Updated on: February 02, 2016 16:49 IST

snake drink milk

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वनवासियों ने सर्वप्रथम नाग वंश के नागों को चित्रित करके पूजना शुरू किया था। महिष्मति के सर्व वायुभक्षी थे। और इनके अधिपति थे कार्कोटक नाग कहलाए। इस तरह कार्कोटक नाग वंश की परंपरा विकसित हुई। कार्कोटक एक उपाधि थी। जो सैकड़ों वर्षों तक रही।

पर्यावरणविद इस पंरपरा को पारिस्थितिक संतुलन से जोड़कर देखते हैं। उनका कहना है कि सांप ऐसा प्राणी है जिसे पानी के भीतर सांस लेने में मुश्किल आती है। बारिश में जैसे ही बिल में पानी घुसता है, वे बिलों से बाहर निकल आते हैं। बड़ी संख्या में सांप निकलने पर लोग उन्हें मार देंगे, इसीलिए ऋषियों ने उन्हें दूध-लावा चढ़ाने की परंपरा शुरू की ताकि सांपों का जीवन और पारिस्थितिक संतुलन बना रहे।

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