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कांग्रेस में भड़क रही अंतर्कलह की आग, अलका लांबा ने महिला पदाधिकारी को दी जूते मारने की धमकी

लोकसभा के चुनाव की हार से आहत कांग्रेस अब अंतर्कलह की आग में झुलसने लगी है। खुले तौर पर संगठन पर उंगलियां उठाई जा रही हैं। मध्य प्रदेश कांग्रेस की बड़ी पहचान आपसी गुटबाजी रही है और इसी के चलते कांग्रेस जमीनी स्तर पर कमजोर होती रही है।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published : Jul 18, 2024 17:17 IST, Updated : Jul 18, 2024 17:17 IST
alka lamba- India TV Hindi
Image Source : PTI अलका लांबा

भोपाल: मध्य प्रदेश में पहले विधानसभा चुनाव में मिली हार और उसके बाद लोकसभा के चुनाव की हार से आहत कांग्रेस अब अंतर्कलह की आग में झुलसने लगी है। खुले तौर पर संगठन पर उंगलियां उठाई जा रही हैं। अभी हाल ही में हुए अमरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में कांग्रेस के खाते में हार आई। कांग्रेस ने पूरी ताकत से चुनाव लड़ा था मगर चुनाव प्रचार के दौरान भी गुटबाजी दिखाई दे रही थी। अब तो कांग्रेस नेता खुलकर हमला भी बोलने लगे हैं।

अलका लांबा और महामंत्री मधु शर्मा के बीच नोंकझोंक

महिला कांग्रेस की हुई बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा और महामंत्री मधु शर्मा के बीच नोंकझोंक हो गई। इतना ही नहीं बात जूते मारने तक पर आ गई। मधु शर्मा ने एक वीडियो में आरोप लगाया कि मंगलवार को हुई पार्टी बैठक के दौरान अलका लांबा ने उन्हें जूते मारकर बाहर निकालने की धमकी दी। इस पर शर्मा ने भी तगड़ा जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि दम है तो मारकर दिखाइए। उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।

कांग्रेस छोड़कर BJP में जा रहे बड़े नेता

अब पार्टी की ओर से मधु शर्मा को ही नोटिस जारी कर दिया गया है। अब कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ. अमीनुल सूरी ने भी सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस से जुड़े लोगों का कहना है कि पार्टी के भीतर अब भी गुटबाजी खत्म नहीं हुई है। इसी का नतीजा है कि प्रदेश कार्यकारिणी तक नहीं बन पा रही है। वरिष्ठ नेता कार्यकर्ताओं की बात सुनने को तैयार नहीं हैं और आने वाले समय में कोई बड़ा विस्फोट हो जाए तो अचरज नहीं होना चाहिए। पार्टी के बड़े नेताओं की ही कार्यशैली का नतीजा है कि बड़ी तादाद में जन आधार वाले नेता कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जा रहे हैं।

जमीनी स्तर पर कमजोर हो रही कांग्रेस

उन्होंने कहा, राज्य की कांग्रेस की बड़ी पहचान आपसी गुटबाजी रही है और इसी के चलते कांग्रेस जमीनी स्तर पर कमजोर होती रही है। वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की कमान जब कमल नाथ को सौंपी गई थी तो स्थितियां धीरे-धीरे बदलने लगी थी। उसी का नतीजा था कि विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस को जीत मिली थी और सत्ता पाई थी। फिर गुटबाजी की हवा ने जोर पकड़ा। परिणामस्वरूप सरकार ही गिर गई। पार्टी अब सत्ता में नहीं है, मगर गुटबाजी और अंतर्कलह थमने का नाम नहीं ले रही है। (IANS इनपुट्स के साथ)

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