नागपुर : महाराष्ट्र की नागपुर पुलिस ने एक ऐसे रैकेट को पकड़ा है , जो देश की सुरक्षा को सेंध लगा रहा था। यह रैकेट में मदरसों के बाहर पर्सनल QR कोड के जरिए डोनेशन लिया जाता था। पुलिस के अनुसार इस रैकेट का मुख्य आरोपी मोहम्मद एजाज अंसारी और मोहम्मद मुस्तकीम अंसारी हैं, जो दारुल उलूम गौसिया इंतेजामिया नामक पंजीकृत संस्था से जुड़े हुए थे। आरोपियों ने नागपुर के कई मदरसों और दरगाह पर, और एक निर्माणाधीन इमारत का पोस्टर लगाया था। इसके साथ ही संस्था का बैनर लगाकर उसके नीचे क्यूआर कोड चिपकाया था और लोगों से इस मदरसा के लिए फंडिंग करने की प्रार्थना की थी। लोग भी बिना जांचे-परखे इस QR कोड के जरिए दान दे रहे थे।
ATS ने शक होने पर कार्रवाई की
लेकिन महाराष्ट्र एटीएस के एक कर्मचारी को इस QR कोड पर संदेह हुआ और उसने 50 रुपये दान किया। लेकिन यह रकम किसी संस्था के खाते में नहीं गई बल्कि स्टार कंप्यूटर सोल्यूशंस नामक एक निजी कंपनी के खाते में जमा हो गई। इसके बाद जांच में यह सामने आया कि पिछले दो वर्षों में इस खाते में 68 लाख रुपये से अधिक जमा हुए हैं ,जो अलग-अलग लोगों से मिले हैं।
पैसा किसे भेजा गया?
नागपुर की कपिल नगर पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज किया है। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि इस रकम का स्रोत क्या था और इस रकम का किस उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था। साथ ही पुलिस और ATS इस एंगल से भी जांच कर रही है की ये पैसा टेरर फंडिंग के लिए तो उपयोग नहीं हो रहा था। पुलिस ने आरोपी मोहम्मद एजाज अंसारी के बैंक खातों के स्टेटमेंट निकालकर जांच कर रही है और यह पता लगाया जा रहा है कि यह पैसा किसे भेजा गया और इसके पीछे का उद्देश्य क्या था ?