महाराष्ट्र की राजनीति में सोमवार को जबरदस्त हलचल मच गई, जब शिवसेना (UBT) नेता आदित्य ठाकरे ने सनसनीखेज दावा किया कि सत्तारूढ़ गठबंधन के फडणवीस के करीबी 22 विधायक जो अभी एकनाथ शिंदे शिवसेना में है वह बीजेपी में आने को तैयार बैठे हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि राज्य में विपक्ष का नेता ही तय नहीं हो रहा, जबकि सरकार को दो सदनों में किसी विपक्ष नेता की गैर-मौजूदगी के बावजूद किस बात का डर सता रहा है?
आदित्य ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री को इस बात की चिंता है कि क्या अब खुद सत्तारूढ़ गठबंधन के भीतर ही दो-दो विपक्षी नेता तैयार हो गए हैं। उन्होंने भास्कर जाधव के नाम में बदलाव की खबरों को गठबंधन के अंदर से प्लांट की गई अफवाह बताया। आदित्य ठाकरे ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा- “पिछले कुछ महीनों में इन 22 विधायकों को जमकर फंड मिला है, और वे CM के इशारे पर खड़े-बैठे होते हैं, वही करते हैं जो CM कहते हैं।"
शिंदे गुट का तेज हमला
आदित्य ठाकरे के इस दावे पर शिवसेना भड़क उठी है। शिवसेना (शिंदे) के मंत्री संजय शिरसाठ ने तीखा पलटवार करते हुए कहा- “उद्धव और आदित्य पहले अपने 20 विधायक बचा लें, फिर हमारे बारे में बोलें।” वहीं, विधायक निलेश राणे ने भी कटाक्ष करते हुए कहा- “आदित्य ठाकरे ने क्या अब ज्योतिष का धंधा शुरू कर दिया है? हर बात पर भविष्यवाणी कर रहे हैं!”
सीएम फडणवीस ने भी दिया जवाब
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी आदित्य के दावे को सिरे से खारिज किया और कहा- “अगर कोई ऐसे आरोप लगाए, तो कल मैं भी कह सकता हूँ कि आदित्य के 20 विधायक बीजेपी में आने को तैयार बैठे हैं। बोल देने से कुछ नहीं होता। हमें शिंदे सेना के विधायक क्यों चाहिए? शिंदे सेना हमारा मित्र दल है और वही असली शिवसेना है। उन्हें तोड़ने की राजनीति हम नहीं करते। शिंदे गुट में महायुति के ही विधायक हैं। उन्हें बीजेपी में लेने का कोई मतलब ही नहीं बनता। हम चाहते हैं कि शिवसेना और मजबूत हो। महायुति आने वाले दिनों में और ताकतवर दिखाई देगी।”
आदित्य के दावों और शिंदे-फडणवीस के पलटवार से महाराष्ट्र की राजनीति फिर गरमा गई है। कौन किसके साथ है और कौन किसके खिलाफ? इसे लेकर गठबंधन की अंदरूनी हलचल अब खुलकर सुर्खियों में है।
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