Friday, April 26, 2024
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Shiv Sena Crisis: उद्धव और शिंदे गुट ने EC को भेजे एक जैसे चिन्ह, चुनाव आयोग दे सकता है ये निशान

Shiv Sena Crisis: शिवसेना में ऐसी फूट पड़ी की पार्टी से उसका नाम और निशान भी छिन गया। चुनाव आयोग ने शिवसेना का चुनाव चिन्ह फ्रीज कर दिया है और उद्धव और शिंदे गुट से नए नाम और निशान के विकल्प मांगे हैं।

Reported By : Sachin Chaudhary Edited By : Swayam Prakash Updated on: October 10, 2022 17:59 IST
Uddhav Thackeray and Eknath Shinde- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV GFX Uddhav Thackeray and Eknath Shinde

Highlights

  • उद्वव ठाकरे गुट ने भेजा त्रिशूल, उगता सूरज और मशाल
  • शिंदे गूट ने भी त्रिशूल और उगता सूरज का विकल्प दिया
  • पार्टी के नाम और निशान पर चुनाव आयोग करेगा फैसला

Shiv Sena Crisis: उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट के बीच शिवसेना के नाम और चुनाव चिन्ह की लड़ाई लंबी खिचती जा रही है। चुनाव आयोग ने फिलहाल शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह फ्रीज कर दिया है। यानी कि अब दोनो ही गुट शिवसेना के नाम और धनुष बाण चिन्ह का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। शिवसेना का चुनाव चिन्ह फ्रीज करने के बाद निर्वाचन आयोग ने दोनों ही गुट से पार्टी के नए नाम और निशानों के विकल्प मांगे हैं। इसको लेकर उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट ने चुनाव चिन्ह और नाम भी भेज दिए हैं। 

दोनों गुटों के दो निशान एक जैसे

उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट की ओर से चुनाव आयोग को शिवसेना के जो नए नाम और निशान भेजे गए हैं, उनमें से दो विकल्प ऐसे हैं जो एक समान हैं। जानकारी मिली है कि दोनों गुटों ने ही त्रिशूल और उगता सूरज के विकल्प रखे हैं। बता दें कि उद्वव ठाकरे गुट ने त्रिशूल, उगता सूरज और मशाल के विकप्ल रखे हैं तो वहीं एकनाथ शिंदे गूट ने त्रिशूल, उगता सूरज और गदा के चुनाव चिन्हों के विकल्प दिए हैं। ऐसे में त्रिशूल और उगता सूरज एकसमान होने के कारण चुनाव आयोग उद्वव को मशाल या फिर एकनाथ शिंदे को गदा का चुनाव चिन्ह दे सकता है। 

ये चुनाव चिन्ह मिलने की संभावना
त्रिशूल और उगता सूरज चुनाव चिन्ह की दोनों गुटों ने मांग की है। दोनों की एक समान मांग होने के कारण चुनाव आयोग उगता सूरज और त्रिशूल को छोड़ सकता है। उद्वव गुट को उनका तीसरा विकल्प मशाल तो एकनाथ शिंदे गुट को उनका तीसरा विकल्प गदा चुनाव चिन्ह दिया जा सकता है। हालांकि सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ये भी कहा जा रहा है कि दोनों ही गुटों के लिए बचे हुए चुनाव चिन्ह, मशाल और गदा चुनाव आयोग के दी हुई सूची में न होने के कारण कोई दूसरे भी निशान दिए जा सकते हैं। 

हालांकि शिवसेना की नई पहचान को लेकर अब अंतिम फैसला चुनाव आयोग को ही करना है। चुनाव चिन्ह और पार्टी के नाम को लेकर चल रही लड़ाई को लेकर
एकनाथ शिंदे गुट से मंत्री और प्रवक्ता दीपक केसरकर आज शाम मंत्रालय में पीसी भी करने वाले हैं। वहीं उद्वव ठाकरे की तरफ से अनिल परब बांद्रा रंगशारदा में शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।

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