जनरल बिपिन रावत भारतीय थलसेना के प्रमुख हैं। वह भारतीय थलसेना के 27वें प्रमुख हैं। रावत को 31 दिसंबर 2016 को जनरल दलबीर सिंह सुहाग का उत्तराधिकारी नियुक्त किया गया था। बिपिन रावत का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में सैनिकों के परिवार में हुआ था। उनके पिता लक्ष्मण सिंह रावत बतौर लेफ्टिनेंट जनरल सेना को अपनी सेवाएं दे चुके हैं। रावत की शिक्षा-दीक्षा देहरादून के कैंब्रियन हॉल स्कूल और शिमला के सेंट एडवर्ड स्कूल में हुई है। इसके बाद उन्होंने देहरादून में भारतीय सैन्य अकादमी जॉइन की जहां उन्हें 'सोर्ड ऑफ ऑनर' से नवाजा गया। इसके अलावा उन्होंने वेलिंगटन के डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज से स्नातक और अमेरिका के फोर्ट लीवेनवर्थ से हायर कमांड कोर्स भी किया है। उनकी अन्य शैक्षणिक उपलब्धियों में मद्रास यूनिवर्सिटी से डिफेंस स्टडीज में पीएचडी, मैनेजमेंट और कंप्यूटर स्टडीज में डिप्लोमा भी शामिल है। रावत 16 दिसंबर 1978 को 11 गोरखा रायफल्स की 5वीं बटालियन में कमीशन हुए। खास बात यह है कि उनके पिता लक्ष्मण सिंह रावत भी इसी यूनिट में अफसर थे। रावत को एक तेज तर्रार अफसर माना जाता है। उन्होंने नेफा इलाके में तैनाती के दौरान बटालियन की अगुवाई की थी। इसके अलावा वह कांगो में संयुक्त राष्ट्र की पीसकीपिंग फोर्स की भी अगुवाई कर चुके हैं। 01 सितंबर 2016 को सेना के उप-प्रमुख का पद संभालने वाले रावत को 31 दिसंबर 2016 को भारतीय सेना की कमान सौंपी गई।
रावत ने कहा कि पाकिस्तान के साथ लगने वाली सीमा पर आतंकवादी गतिविधियों से निपटने के लिए भारतीय सेना कड़े कदम उठाने में नहीं हिचकेगी।
रावत ने कहा कि यह बिना बर्बरता के होना चाहिए लेकिन दूसरे पक्ष को वही दर्द महसूस होना चाहिए।
सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत ने रविवार को कहा कि नेपाल और भूटान जैसे देशों को भौगोलिक स्थिति की वजह से भारत के प्रति झुकाव रखना होगा।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा जम्मू एवं कश्मीर में कथित तौर पर मानवाधिकार उल्लंघन की रिपोर्ट को पूरी तरह खारिज करते हुए सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि उनका उद्देश्य आतंकियों को खत्म करना है, आम नागरिकों को परेशान करना नहीं...
रमजान के पवित्र महीने में आतंकवादियों के खिलाफ अभियान रोकने पर सेना प्रमुख ने कहा, हमने लोगों को शांति का माहौल देने के लिए अभियान रोका है और मेरा मानना है कि लोग खुश हैं...
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने गुरुवार को कहा कि भारत का आर्थिक विकास और सैन्य बलों का आधुनिकीकरण साथ-साथ चलना चाहिए...
AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने तुरंत इसपर आपत्ति जताते हुए कहा कि सेना प्रमुख का काम राजनीतिक दलों पर टिप्पणी करने का नहीं है...
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (AFSPA) पर किसी पुनर्विचार या इसके प्रावधानों को हल्का बनाने का समय नहीं आया है...
खास बात यह है कि जनरल रावत की टिप्पणी पर चीनी सेना की तरफ से यह पहली प्रतिक्रिया है...
पाकिस्तान के एक अग्रणी अखबार ने सोमवार को चेताया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच टकराव के खतरे बढ़ते जा रहे हैं...
भारत के आर्मी चीफ ने बहुत बड़ा बयान दिया है। जनरल बिपिन रावत ने पाकिस्तान और आतंकवादियों को साफ और कड़ा मैसेज दिया है। आर्मी चीफ ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक दुश्मन के लिए मैसेज था। अगर दुश्मन नहीं समझता है तो फिर घुसकर मारेंगे।
चीनी सेना ने भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल विपिन रावत की इस टिप्पणी को शुक्रवार को बेहद गैर-जिम्मेदाराना करार दिया है कि भारत ढाई मोर्चे पर युद्ध के लिए तैयार है।
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