Friday, April 26, 2024
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Anti-UN Protest In Congo: BSF जवान ने कांगो में शहादत से पहले ही पत्नी को किया था VIDEO कॉल, हालात दिखा रहे थे और तभी...

Anti-UN Protest In Congo: शिशुपाल तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। उनके एक और बड़े भाई मूल सिंह भी बीएसएफ में हेड कांस्टेबल हैं और वर्तमान में NDRF में तैनात हैं। कांगो में शहादत से पहले जब हालात खराब हुए तो शिशुपाल ने पत्नी कमला को वीडियो कॉल किया था।

Khushbu Rawal Written By: Khushbu Rawal
Published on: July 28, 2022 17:14 IST
BSF Jawan Shishupal (File Photo)- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV BSF Jawan Shishupal (File Photo)

Highlights

  • शिशुपाल राजस्‍थान के सीकर जिले के रहने वाले थे
  • मई 2022 में शांति सेना में शामिल होकर भारत से कांगो गए थे
  • 26 जुलाई को संयुक्‍त राष्‍ट्र शांतिरक्षकों पर हुए हमले में हुए शहीद

Anti-UN Protest In Congo: अफ्रीकी देश कांगो में शहीद होने वाली सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवान शिशुपाल सिंह ने मंगलवार को शहादत से थोड़ी देर पहले ही अपनी पत्नी से बात की थी। शिशुपाल राजस्‍थान के सीकर जिले के रहने वाले थे और मई 2022 में शांति सेना में शामिल होकर भारत से कांगो गए थे। कांगो के नार्थ कीवू प्रांत के बुटेम्बो में 26 जुलाई को संयुक्‍त राष्‍ट्र शांतिरक्षकों पर हुए हमले में BSF के हेड कांस्टेबल शिशुपाल सिंह और सांवला राम विश्नोई की जान चली गई थी। दोनों जवान मूल रूप से राजस्‍थान के रहने वाले थे।

शिशुपाल की शहादत से 5 मिनट पहले का एक वीडियो सामने आया है जिसमें शिशुपाल कैंप के बाहर प्रदर्शनकारियों पर हैंड ग्रेनेड फेंकते नजर आ रहे हैं। साथ ही वहां मौजूद जवानों की बातचीत से जाहिर हो रहा है कि उनका गोला-बारूद, गोलियां खत्म होती जा रही थी। छत्तीसगढ़ में तैनात बीएसएफ कमांडो कुलदीप सिंह गने ने यह वीडियो शेयर किया था। कुलदीप लक्ष्मणगढ़ के बगड़ियों का बास गांव से करीब 12 किलोमीटर दूर सिंगोदड़ा गांव के रहने वाले हैं।

पत्नी को वीडियो कॉल पर दिखा रहे थे हालात

शिशुपाल के बड़े भाई मदन सिंह बगड़िया ने बताया, शहादत से पहले जब हालात खराब हुए तो शिशुपाल ने पत्नी कमला को वीडियो कॉल किया था। शिशुपाल ने वीडियो कॉल कर बताया था कि यहां हालात खराब हैं। हिंसक प्रदर्शन के बारे में भी बताया था। इसके बाद कांगो से दूसरा वीडियो मदन सिंह के पास आया। यह शिशुपाल के साथी ने बनाया था। शिशुपाल ने बताया था कि प्रदर्शनकारियों ने कुछ समय पहले उनके तंबू जला दिए और पिछले 4-5 दिनों से स्थिति विकट है। जानकारी के मुताबिक परिवार को कॉल पर ही उनको गोली लगने का पता चल गया था जिसके बाद कोहराम मच गया।

बीएसएफ में डिप्‍टी कमांडेंट मदन सिंह इस समय जैसलमेर में पदस्‍थापित हैं। उन्‍होंने कहा, ‘‘वहां हालात परेशान करने वाले थे। मुझे पता चला कि मंगलवार रात वहां कुछ बड़ा हो गया है। शिशुपाल का फोन भी नहीं आया था। बुधवार सुबह, हमें आधिकारिक तौर पर सूचित किया गया कि शिशुपाल शहीद हो गए हैं।’’

तीन भाइयों में सबसे छोटे थे शिशुपाल
शिशुपाल सिंह के पिता झाबर राम और माता पार्वती देवी सीकर के लक्ष्मणगढ़ के पास बगडियों के बास गांव में रहते हैं, जबकि उनकी पत्नी कविता एक सरकारी टीचर हैं और वर्तमान में जयपुर में तैनात हैं। वे प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे अपने बेटे के साथ जयपुर में रहती हैं, जबकि शिशुपाल की बेटी बेंगलुरु से एमबीबीएस कर रही है। शिशुपाल तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। उनके एक और बड़े भाई मूल सिंह भी बीएसएफ में हेड कांस्टेबल हैं और वर्तमान में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) में तैनात हैं।

सीकर में पैतृक गांव में होगा अंतिम संस्कार
शिशुपाल की पार्थिव देह शुक्रवार को यहां लाई जा सकती है। अंतिम संस्कार सीकर में उनके पैतृक गांव में किया जाएगा। घटना में जान गंवाने वाले बीएसएफ के दूसरे हेड कांस्टेबल सांवालाराम विश्नोई राजस्थान के बाड़मेर जिले के रहने वाले थे। उल्‍लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षकों पर हुए हमले की कड़ी निंदा की है, जिसमें भारत के दो और मोरक्को के एक शांतिरक्षक की मौत हो गई थी। भारत इस समय सुरक्षा परिषद का गैर-स्थायी सदस्य है और संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षक अभियानों में सबसे ज्यादा सैन्य योगदान देने वाले देशों में से है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने भी 26 जुलाई के हमले की कड़ी निंदा की है और मारे गए लोगों के परिजन के प्रति संवेदना व्यक्त की है।

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