Saturday, December 06, 2025
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छुट्टी पर घर लौट रहा था जवान, पत्नी-बेटा कर रहे थे इंतजार, तिरंगे में लिपटा घर पहुंचा शव; बेटे को देखकर मां बेसुध

आईटीबीपी जवान अजीत चौधरी की रोड एक्सीडेंट में मौत हो गई। पार्थिव शरीर घर पर पहुंचा तो परिवार में मातम पसर गया। मां और पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है।

Edited By: Mangal Yadav @MangalyYadav
Published : Dec 06, 2025 08:49 am IST, Updated : Dec 06, 2025 08:52 am IST
आईटीबीपी जवान अजीत चौधरी- India TV Hindi
Image Source : REPORTER आईटीबीपी जवान अजीत चौधरी

झुंझुनूं: झुंझुनूं जिले के सूरजगढ़ क्षेत्र के गांव स्वामी सेही का माहौल शुक्रवार को उस समय गमगीन हो गया, जब आईटीबीपी जवान अजीत चौधरी की तिरंगे में लिपटी पार्थिव देह गांव पहुंची। छुट्टी पर घर लौट रहे अजीत की नवलगढ़ के पास सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। बेटे-पत्नी और परिजनों को उनकी राह देखते पता ही नहीं था कि घर पहुंचने से पहले ही वह हमेशा के लिए अलविदा कह जाएंगे।

शव देखकर मां और पत्नी बेसुध

 
गांव में जैसे ही पार्थिव देह पहुंची, चीख-पुकार मच गई। मां सरिता देवी बेसुध होकर बार-बार यही कहती रहीं “मेरे बेटे ने किसी का क्या बिगाड़ा था, उसके साथ इतना बुरा क्यों हुआ…” पत्नी सुनीला कुमारी बिलखते हुए बार-बार अजीत को पुकारती रहीं। यह भावुक दृश्य देखकर वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम हो गईं।
 
सबसे हृदयविदारक क्षण तब आया जब जवान के 7 वर्षीय बेटे पल्लवित ने अपने पिता को मुखाग्नि दी। छोटे से बच्चे को पिता की चिता जलाते देख माहौल सन्नाटे में बदल गया। आईटीबीपी की टीम ने अजीत को गार्ड ऑफ ऑनर व अंतिम सलामी देकर विदाई दी। तिरंगा जब जवान के बेटे और पिता राजेंद्र को सौंपा गया तो वहां मौजूद हर व्यक्ति भावुक हो उठा।

2011 में आईटीबीपी में भर्ती हुए थे अजीत चौधरी 

अजीत चौधरी 2011 में आईटीबीपी में भर्ती हुए थे और वर्तमान में अरुणाचल प्रदेश के लेखावली में 61वीं बटालियन में कांस्टेबल जीडी के पद पर तैनात थे। वे 52 दिन की छुट्टी लेकर गांव लौट रहे थे, तभी नवलगढ़ के पास सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई। जवान का परिवार समाज सेवा और देश सेवा से जुड़ा है। अजीत के छोटे भाई मंजीत आर्मी में तैनात हैं। पत्नी सुनीला कुमारी और भाभी सोमना दोनों सरकारी अध्यापक हैं। पिता राजेंद्र खेती कार्य देखते हैं और मां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं।
 
स्वामी सेही के सरपंच ईश्वर सिंह पूनिया ने बताया कि जवान के दादा हीरानंद साईपावर शिक्षण कार्य से सेवानिवृत्त थे और पूरा परिवार गांव में अत्यंत सम्मानित है। सुबह से ही पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसरा रहा और सैकड़ों लोगों ने नम आंखों से वीर जवान को अंतिम विदाई दी।

रिपोर्ट-अमित शर्मा, झुंझुनूं

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