Friday, April 26, 2024
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Chanakya Niti: आखिर शत्रुओं को कैसे बनाएं अपना मित्र? चाणक्य ने बताई अपनी नीति में राज की ये बड़ी बात

चाणक्य का जीवन एक महान दार्शनिक गुरु के तौर पर देखा जाता है। उनकी नीति की सराहना लोग आज भी करते हैं। उन्होंने अपनी एक नीति में बताया है कि कैसे शत्रुओं को भी अपने पक्ष में आसानी से किया जा सकता है। आइए जानते हैं इस पर उनकी नीति क्या कहती है।

Aditya Mehrotra Written By: Aditya Mehrotra
Updated on: December 15, 2023 14:45 IST
Chanakya Niti- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Chanakya Niti

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य उन लोगों में से गिने जाते थे, जिनके बिना साम्राज्य चलाना बड़ा मुश्किल हुआ करता था। इसलिए तो उन्होंने पूरा मौर्य वंश स्थापित कर दिया था। इनकी छवि एक महान कूटनीतिज्ञ, आर्थशास्त्री और दार्शनिक गुरु के रूप में जानी जाती है। लोग आज भी चाणक्य की नीतियों को अपनी सफलता की कूंजी मानते हैं। अपने समय के एक कुशल सलाहकार के रूप में आचार्य चाणक्य ने बहुत लोगों को सफल बनाया था।

उन्होंने अपने सोच विचार को अपने जीवन जीने का सिद्धांत बनाया था। वही सिद्धांत आगे चल कर उनकी नीति बने जिसे आज हम चाणक्य नीति कहते हैं। भले ही चाणक्य आज हमारे बीच में नहीं हैं लेकिन उनकी नीतियां आज भी पढ़ी जाती हैं। कुछ लोगों में उनकी नीतियां पढ़ने की आज भी जिज्ञासा होती है तो वहीं कुछ लोग कामयाब होने के लिए उनकी नीतियां पढ़ते हैं। आज हम चाणक्य की आपको एक ऐसी नीति बताने जा रहे हैं। जिसमें चाणक्य ने बताया है कि यदि आपका कोई अहित करना चाहता है तो उसको कैसे अपने पक्ष में किया जा सकता है।

चाणक्य नीति इस प्रकार से

यस्य चाप्रियमिच्छेत तस्य ब्रूधात् सदा प्रियम् ।व्याधो मृगवधं कर्तुं गीतं गायति सुस्वरम्।।

आचार्य चाणक्य अपनी इस नीति में श्लोक के माध्यम से यह कहते हैं कि अगर कोई व्यक्ति आपका बुरा करना चाहता है या वो आपसे शत्रुता का भाव रखता है। तो ऐसे लोगों से कभी भी दुश्मनी मोल नहीं लेनी चाहिए। बल्कि उनसे प्रेमपूर्वक बात करें और ऐसे लोगों से मीठे बोल बोलना चाहिए। ठीक उसी प्रकार जिस तरह वन में एक शिकारी हिरण को पाने के लिए मीठे स्वर निकालता है और जब हिरण उन स्वरों से मंत्रमुग्ध हो जाता है तो वह शिकारी के बस में आ जाता है।

नहीं बोलने चाहिए कड़वे वचन

यदि कोई आपका अहित करना चाहता है तो उससे प्रिय वचन बोलें और उसके साथ आप अच्छा व्यवहार रखें। ऐसा करने से वो आपके एक न एक दिन अधीन हो जाएंगे। चाणक्य यहां पर यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि कभी भी किसी से शत्रुता नहीं रखनी चाहिए। यदि कोई आपको हानि पहुंचाना चाहता है या आपसे बैर रखता है तो आप उसके लिए बुरे न बनें और उस व्यक्ति से अच्छा व्यवहार रखें। आपके अच्छे व्यवहार के चलते शत्रु पक्ष भी आपके मित्र बन जाते हैं।

कर लें शत्रुओं की भी अपने अधीन

उन्होंने अपनी इस नीति में यही समझाया है कि जो लोग आपका बुरा सोचते हैं और आपके साथ कठोर व्यवहार करते हैं। उनसे कभी भी दुश्मनी मोल नहीं लेनी चाहिए। यदि उनको सबक सिखाना ही है तो अपने व्यवहार को अच्छा रखें और उनसे मीठे वचन बोलें। एक समय ऐसा आएगा जब वो चाह कर भी आपका बुरा नहीं कर पाएंगे और आपके अधीन हो जाएंगे।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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