Monday, April 29, 2024
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Kartik Purnima 2022: कार्तिक पूर्णिमा पर होता है दीपदान का महत्व, जानें नियम और इसके फायदे

Kartik Purnima 2022: हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा के दिन नदी स्नान और दान का महत्व है। इस दिन दीपदान का भी विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन देवतागण भी धरतीलोक पर आते हैं। इस दिन लोग काशी में दीप जलाकर खुशियां मनाते हैं।

Vineeta Mandal Edited By: Vineeta Mandal
Updated on: November 07, 2022 20:00 IST
Kartik Purnima 2022- India TV Hindi
Image Source : TWITTER Kartik Purnima 2022

Kartik Purnima 2022: कार्तिक का महीना हिंदू धर्म का सबसे पवित्र और श्रेष्ठ माह होता है। यह महीना भगवान विष्णु की पूजा-आराधना के लिए भी खास माना जाता है। कार्तिक माह के अंतिम दिन यानी कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान, दान, व्रत और पूजा की विशेष मान्यता है। कार्तिक पूर्णिमा पर किए गए पूजा-पाठ, स्नान और दान से पुण्यफल की प्राप्ति होती है। इस साल कार्तिक पूर्णिमा 08 नवंबर को पड़ रही है। इसी दिन चंद्र ग्रहण भी लगने वाला है।

पौराणिक कथाओं के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया था। कहा जाता है कि, इस दिन देवतागण भी धरतीलोक पर आते हैं और काशी में दीप जलाकर खुशियां मनाते हैं। इसलिए इस दिन को देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि इस साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लगने के कारण देव दीपावली का पर्व एक दिन पहले यानी 07 नवंबर को मनाया जाएगा।

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कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान का महत्व

हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान और दीपदान को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपदान करने से व्यक्ति को समस्त यज्ञों, तीर्थों और दान के बराबर पुण्यफल की प्राप्ति होती है। इसलिए इस दिन दीपदान का महत्व और अधिक बढ़ जाता है।

कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान के फायदे

दूर होते हैं संकट: कार्तिक पूर्णिमा के दिन नदी, तालाब, सरोवर आदि में दीपदान करना चाहिए। इससे व्यक्ति को सभी तरह के संकट से मुक्ति मिलती है। इस दिन किए गए दीपदान से यम, शनि, राहु और केतु के बुरे प्रभाव भी दूर हो जाते हैं।

कर्ज से मिलती है मुक्ति: कार्तिक पूर्णिमा के विशेष दिन में जो व्यक्ति दीपदान करता है उसे कर्ज से मुक्ति मिलती है और आर्थिक तंगी भी दूर होती है।

इस मंत्र के साथ करें दीपदान: कार्तिक पूर्णिमा पर संध्याकाल में त्रिपुरोत्सव करके ‘कीटा: पतंगा मशकाश्च वृक्षे जले स्थले ये विचरन्ति जीवा:,दृष्ट्वा प्रदीपं नहि जन्मभागिनस्ते मुक्तरूपा हि भवति तत्र’ मंत्र का जाप करते हुए दीपदान करने से पुनर्जन्म का कष्ट दूर होता है।

होता है धनलाभ: धन-समृद्धि के लिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपदान जरूर करें। इस दिन दीपदान करने से मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु के आशीर्वाद से कभी भी घर पर धन की कमी नहीं होती।

हर मनोकामना होती है पूरी: कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा तट पर स्नान करने और दीपदान करने से देवताओं की कृपा प्राप्त होती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। इस दिन लोग किसी विशेष कार्य की सफलता हेतु भी दीपदान करते हैं।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)

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