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Parivartini Ekadashi 2024: इस दिन रखा जाएगा परिवर्तिनी एकादशी का व्रत, जानें सही तिथि और शुभ मुहूर्त

September Ekadashi 2024: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को परिवर्तिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। तो आइए जानते हैं कि परिवर्तिनी एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा।

Written By: Vineeta Mandal
Published : Sep 09, 2024 15:40 IST, Updated : Sep 09, 2024 15:40 IST
Parivartini Ekadashi 2024- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Parivartini Ekadashi 2024

Parivartini Ekadashi 2024: भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को परिवर्तिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन श्री हरि की पूजा करने विष्णु जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। परिवर्तिनी एकादशी के दिन भगवान नारायण के साथ मां लक्ष्मी की आराधना करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। घर का भंडार सदैव धन-धान्य से भरा रहता है। मान्यता है कि परिवर्तिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिलती है।

परिवर्तिनी एकादशी 2024 व्रत तिथि और शुभ मुहूर्त 

हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का आरंभ 13 सितंबर को रात 10 बजकर 30 मिनट से होगा। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का समापन 14 सितंबर को रात 8 बजकर 41 मिनट को होगा। परिवर्तिनी एकादशी का व्रत 14 सितंबर को रखा जाएगा। 

परिवर्तिनी एकादशी व्रत 2024 पारण मुहूर्त

एकादशी व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद किया जाता है। एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहला करना बहुत जरूरी होता है। कहते हैं कि द्वादशी तिथि के अंदर एकादशी का पारण न करना पाप के समान माना जाता है। परिवर्तिनी एकादशी व्रत का पारण 15 सितंबर को किया जाएगा। पारण का मुहूर्त सुबह 6 बजकर 6 मिनट से सुबह 8 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। इसी दौरान एकादशी का व्रत खोलना चाहिए।

परिवर्तिनी एकादशी का महत्व

परिवर्तिनी एकादशी को पद्मा एकादशी और  जलझूलनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओ के अनुसार, भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की एकादशी के भगवान विष्णु करवट लेते हैं इसलिए इसे परिवर्तिनी एकादशी कहा जाता है। बता दें कि आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि (देवशयनी एकादशी) को भगवान विष्णु 4 माह के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं, जिसके बाद प्रभु नारायण कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी ( देवउठनी एकादशी) तिथि को जागते हैं।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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