
आयुर्वेद में ऐसे कई पेड़-पौधे हैं जिनका इस्तेमाल दवा के रूप में किया जाता है। इन पौधों में अनगिनत औषधीय गुण पाए जाते हैं। ऐसा ही एक चमत्कारी पौधा है पत्थर चट्टा, जो पथरी में दवा का काम करता है। किडनी में पथरी होने पर पत्थरचट्टा का इस्तेमाल करने से स्टोन निकल जाता है। जैसा कि पौधे के नाम है पत्थर चट्टा, यानि पत्थर को चाटने वाला। इस पौधे की कुछ पत्तियां चबाकर खाने से पथरी को खत्म किया जा सकता है।
योग गुरु स्वामी रामदेव का मानना है कि अगर किसी को पथरी की समस्या हो जाए तो पथरचट्टा के पत्तों का इस्तेमाल कर सकता है। पत्थर चट्टा के पत्तों को चबाकर खाने से आपको पथरी से राहत मिल सकती है। खास बात ये है कि इससे जीवन में कभी भी आपको पथरी की समस्या नहीं होगी।
पत्थरचट्टा के औषधीय गुण
पथरचट्टा में एल्कलॉइड्स, ग्लाइकोसाइड्स, फ्लेवोनोइड्स, ट्राइटरपेन्स, बुफैडियनोलाइड्स, कार्डिएनोलाइड्स, लिपिड और स्टेरॉयड जैसे बायोएक्टिव यौगिकों पाए जाते हैं। पत्थरचट्टा का इस्तेमाल डायबिटीज, सूजन, फंगस, पेट में अल्सर, किडनी की पथरी और लिवर से जुड़ी समस्याओं में किया जाता है। पत्थरचट्टा का पौधा आपको आसानी से मिल जाएगा। इसके मोटे पत्तों का उपयोग किया जाता है।
किडनी में कैसे काम करता है पत्थरचट्टा
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ फार्माकोग्नॉसी एंड फाइटोकेमिकल रिसर्च की मानें तो पथरचट्टा किडनी में होने वाली पथरी को निकालने में असरदार काम करता है। । किडनी में पाई जाने वाली पथरी कैल्शियम ऑक्सालेट क्रिस्टल से बनी होती है। वहीं पथरचट्टा में सैपोनिन होता है, जिससे कैल्शियम ऑक्सालेट क्रिस्टल टूट सकते हैं। इस तरह पेशाब के जरिए किडनी की पथरी के टुकड़े बाहर निकल सकते हैं।
कभी नहीं होगी पथरी की समस्या
स्वामी रामदेव की मानें तो पत्थरचट्टा के पत्तों का इस्तेमाल करने से आपको जीवनभर पथरी का समस्या नहीं होगी। किडनी में पथरी होना बहुत आम है। इससे बचने के लिए आप पत्थचट्टा का इस्तेमाल करें। पत्थरचट्टा के पत्तों को कच्चा चबा खा लें। या इन्हें पीसकर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)