Friday, May 10, 2024
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रविवार को इस विधि विधान के साथ करें सूर्य देव की पूजा, हर कष्ट से मिलेगी मुक्ति, जिंदगी बन जाएगा खुशहाल

Raviwar Upay: रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा करने से सोई किस्मत जाग उठती है। इसके साथ ही निरोगी काया की प्राप्ति होती है। तो आइए जानते हैं कि किस विधि के साथ भगवान भास्कर की पूजा करनी चाहिए।

Vineeta Mandal Written By: Vineeta Mandal
Updated on: September 03, 2023 7:45 IST
surya dev puja significance- India TV Hindi
Image Source : FILE IMAGE surya dev puja significance

Surya Dev Puja Significance: सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है। ऐसे ही रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा का विधान है। इस दिन विधिपूर्वक भगवान भास्कर की आराधना करने से निरोग शरीर और सुखमय जीवन का आशीर्वाद मिलता है। इसके अलावा सूर्य देव की उपासना करने से निसंतान दंपतियों को स्वस्थ संतान की प्राप्ति होती है। हिंदू धर्म में सूर्य देव को नियमित रूप से जल चढ़ाया जाता है। कहते हैं कि ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन से सभी तरह की परेशानियां दूर हो जाती हैं और निरंतर वह सफलता की ऊंचाईयों तक पहुंचता है। मालूम हो कि भगवान आदित्य को जीवन, सेहत और शक्ति के देवता के रूप में जाना जाता है। ऐसे में अगर आप निरोगी काया चाहते हैं तो रविवार के दिन इस विधि के साथ सूर्य देव की पूजा जरूर करें।

सूर्य देव पूजा विधि

  • रविवार के दिन सुबह-सवेरे उठकर स्नान आदि कर साफ कपड़े पहन लें। 
  • इसके बाद सूर्य देव को एक लोटा जल अर्पित करें। 
  • सूर्य देव को जल चढ़ाते हुए 'ॐ सूर्याय नमः'मंत्र का जाप करें।
  • फिर भगवान भास्कर को फूल, धूप, दीप आदि पूजा सामग्री चढ़ाएं।
  • इशके बाद सूर्य देव की आरती उतारें। 
  • अब हाथ जोड़कर भगवान भास्कर से अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना करें।

सूर्य देव की आरती

ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।

जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।

सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी। तुम चार भुजाधारी।।
अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे। तुम हो देव महान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।

ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते। सब तब दर्शन पाते।।
फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा। करे सब तब गुणगान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।

संध्या में भुवनेश्वर अस्ताचल जाते। गोधन तब घर आते।।
गोधूलि बेला में, हर घर हर आंगन में। हो तव महिमा गान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।

देव-दनुज नर-नारी, ऋषि-मुनिवर भजते। आदित्य हृदय जपते।।
स्तोत्र ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी। दे नव जीवनदान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।

तुम हो त्रिकाल रचयिता, तुम जग के आधार। महिमा तब अपरम्पार।।
प्राणों का सिंचन करके भक्तों को अपने देते। बल, बुद्धि और ज्ञान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।

भूचर जलचर खेचर, सबके हों प्राण तुम्हीं। सब जीवों के प्राण तुम्हीं।।
वेद-पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने। तुम ही सर्वशक्तिमान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।

पूजन करतीं दिशाएं, पूजे दश दिक्पाल। तुम भुवनों के प्रतिपाल।।
ऋतुएं तुम्हारी दासी, तुम शाश्वत अविनाशी। शुभकारी अंशुमान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।

ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।स्वरूपा।।
धरत सब ही तव ध्यान,
।।ॐ जय सूर्य भगवान।।

रविवार को करें ये उपाय

  • रविवार को काले कुत्ते, काली गाय को रोटी और काली चिड़िया को दाना डालें। इस उपाय से हर बाधा दूर होगी।
  • रविवार को पीपल के पेड़ के नीचे चौमुखा दीपक जलाएं। इससे धन, वैभव और यश में वृद्धि होती है। 
  • प्रत्येक रविवार सूर्य का व्रत रखें। ऐसा करने से नेत्र व चर्म रोग से मुक्ति मिलती है।
  • रविवार को उड़द की दाल, काला कपड़ा, काले तिल और काले चने का दान करें। ऐसा करने से सूर्य देव के साथ शनि देव की भी कृपा प्राप्त होगी।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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