Thursday, May 09, 2024
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अपनी इस हरकत पर मम्मी से खूब पिटते थे हार्दिक पंड्या, अब किया खुलासा

24 साल के हार्दिक ने भारत के लिए अब तक छह टेस्ट, 38 वनडे और 30 टी-20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले हैं।

India TV Sports Desk Edited by: India TV Sports Desk
Published on: May 11, 2018 21:27 IST
हार्दिक पंड्या- India TV Hindi
हार्दिक पंड्या

नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के हरफनमौला खिलाड़ी हार्दिक पंड्या बचपन में अपने बालों को कलर कराने के बहुत शौकीन थे और इसके लिए उन्हें अपने कोच और मम्मी से बहाना भी बनाना पड़ता था। हार्दिक अपने बालों के स्टाइल को लेकर खासे चर्चा में रहते हैं। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 11वें संस्करण में वह एक अलग ही अंदाज में नजर आ रहे हैं। उनका यह शौक शुरू से ही था जिसका उन्होंने अब खुलासा किया है।

हार्दिक ने आईपीएल की टीम मुंबई इंडियंस की ओर से सोशल मीडिया पर पोस्ट एक वीडियो में अपने बचपन की यादों को बयान किया है। हार्दिक ने वीडियो में कहा, "मैं शुरू से ही अलग था। 11 साल का था तभी अपने बाल कलर करवा लिए थे। इसके लिए घर पर आकर मम्मी से मार भी खाता था और फिर जाकर कुछ और कराके आता था। बालों को लेकर कोच को उलटे सीधे बहाने बताता था। कोच जब मुझसे पूछते थे कि ये क्या है, तो मैं कहता था कि बाल कटाने गया था तो कलर मेरे ऊपर गिर गया।" 

24 साल के हार्दिक ने भारत के लिए अब तक छह टेस्ट, 38 वनडे और 30 टी-20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले हैं। उन्होंने कहा, "मैं बहुत ज्यादा शैतानी करता था। लोगों से हमेशा झगड़ते रहता था और कभी दोस्त नहीं बनाता था। हम दोनों भाइयों (बड़े भाई क्रुणाल पांड्या) ने हमेशा मम्मी को बहुत परेशान किया। मैंने क्रुणाल को भी बहुत परेशान किया है। मेरे वजह से क्रुणाल के कभी दोस्त नहीं बनते थे क्योंकि मैं अगर झगड़ा करता था तो उसे अपनी दोस्ती तोड़नी पड़ती थी।" 

हरफनमौला खिलाड़ी ने अक्टूबर 2016 में धर्मशाला में न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे में पदार्पण किया था जबकि जनवरी 2016 में एडिलेड में आस्ट्रेलिया के खिलाफ पहली बार टी-20 अंतर्राष्ट्रीय मैच में उतरे थे। उन्होंने इस वर्ष जनवरी में दक्षिण अफ्रीका दौरे पर अपना पहला टेस्ट खेला था। 

हार्दिक ने कहा, "मैं और क्रुणाल डब्ल्यूडब्ल्यूई फाइट खेलते थे और इस दौरान हमने कई सारे बेड तोड़े हैं। सबसे बड़ी समस्या यह थी कि खेलते-खेलते हम दोनों वास्तव में झगड़ा कर लेते थे। जो एटिट्यूड लोगों में 16-17 साल में आते हैं वह हमारे अंदर 12 साल में ही आ गया था। हालांकि समय के साथ सीखा कि गुस्सा हर चीज का हल नहीं होता है। गुस्से से जीवन में नकारात्मकता आती है। मैं कोशिश करता हूं कि मेरे गुस्से से किसी को दिल न टूटे।"

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