भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेले जा रहे सेंचुरियन टेस्ट की दूसरी पारी में दक्षिण अफ्रीका शानदार बल्लेबाजी कर रही है। ए बी डिविलियर्स और डीन एल्गर की अर्धशतकीय पारियों की बदौलत इस टेस्ट में प्रोटीज भारत को 250 रनों से ऊपर का लक्ष्य देने की ओर बढ़ रहे हैं। लेकिन भारतीय बल्लेबाजों की खराब फॉर्म और सेंचुरियन के विकेट को देखते हुए इससे हासिल करना बिल्कुल भी आसान नहीं लगता।
ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि जब से भारत ने दक्षिण अफ्रीका की धरती पर कदम रखा है विराट कोहली को छोड़कर सभी भारतीय बल्लेबाजों के बल्ले ने ऐसी खामोशी अख्तियार की है जो टूटने का नाम नहीं ले रही। पहले टेस्ट की दोनों पारियों में फ्लॉप शो के बाद दूसरे टेस्ट की पहली पारी में भी बल्लेबाजों ने बेड़ागर्क किया। वो तो भला हो विराट कोहली का जिन्होंने मार्चो संभाले रखा नहीं पूरी टीम महज 150 रनों के अंदर ऑल आउट हो चुकी होती।
टीम इंडिया की खराब बल्लेबाजी के अलावा दूसरा फैक्टर जो भारत के खिलाफ जाता है वो है सेंचुरियन के सुपरस्पोर्ट पार्क का इतिहास। अगर में सुपरस्पोर्ट पार्क में चौथी पारी में कामयाब रन चेज को देखें तो इसमें सबसे बड़ा रन चेज इंग्लैंड ने साल 2000 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ किया था। उस मैच में इंग्लैंड ने 251 रनों की लक्ष्य हासिल किया था। हालांकि इंग्लैंड के लिए भी इस विकेट पर जीत दर्ज करना इतना आसान नहीं रहा और 251 रनों के लक्ष्य को हासिल करने में उसने अपने 8 विकेट गंवा दिए थे।
इंग्लैंड के अलावा खुद साउथ अफ्रीका ने इस विकेट पर 1998 में श्रीलंका के खिलाफ चौथी पारी में 6 विकेट के नुकसान पर 226 रनों का लक्ष्य हासिल किया था। इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर भी दक्षिण अफ्रीका की ही टीम है। प्रोटीज ने 2007 में पाकिस्तान के खिलाफ 3 विकेट खोकर चौथी पारी में 199 रनों का लक्ष्य हासिल किया था।
जाहिर है भारतीय बल्लेबाजों की मौजूदा फॉर्म और इन आंकड़ों को देखकर कहा जा सकता है कि अगर यहां भारत को 250 रनों से ज्यादा का लक्ष्य मिलता है तो सेंचुरियन जीतकर सिरीज़ में वापसी करने का टीम इंडिया का सपना सपना ही रह जाएगा।