Saturday, April 27, 2024
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ऑस्ट्रेलिया में भारत को खल सकती है बाएं हाथ के तेज गेंदबाज की कमी

पिछली बार 2018-19 में जब भारत ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था तो जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और ईशांत शर्मा की तेज गेंदबाजी तिगड़ी ने 21.6 की औसत से 48 विकेट लिए थे।

IANS Reported by: IANS
Published on: November 22, 2020 8:19 IST
Lack of left-arm fast bowler may disturb India in Australia- India TV Hindi
Image Source : GETTY IMAGES Lack of left-arm fast bowler may disturb India in Australia

नई दिल्ली। शायद ही किसी को इस बात पर शक हो कि भारतीय टीम का गेंदबाजी आक्रमण किसी बल्लेबाजी क्रम को परेशान न कर पाए। पिछली बार 2018-19 में जब भारत ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था तो जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और ईशांत शर्मा की तेज गेंदबाजी तिगड़ी ने 21.6 की औसत से 48 विकेट लिए थे।

चेतेश्वर पुजारा की बल्लेबाजी ने टीम को मजबूती प्रदान की थी तो वहीं भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण ने भी टीम को 2-1 से सीरीज जिताने में बड़ा रोल अदा किया था। आठ में से सात बार ऑस्ट्रेलिया को ऑल आउट किया था।

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2018 कैलेंडर साल में इन तीनों ने मिलकर 136 विकेट लिए थे। इसी के साथ इन तीनों ने माइकल होल्डिंग, मैल्कम मार्शल और जोएल गार्नर (1984 में 130 विकेट) के रिकार्ड को तोड़ा था। उन 136 विकेटों में से 45 विकेट सिर्फ आस्ट्रेलिया में खेले गए शुरुआती तीन टेस्ट मैचों में आए थे।

एक जगह हालांकि ऐसी है जहां भारत को कमी खल सकती है और वह है बाएं हाथ के तेज गेंदबाज की कमी।

इस शताब्दी के पहले दशक में ऑस्ट्रेलिया में भारत के लिए कुछ अच्छे पल जो रहे हैं उनमें भारत के बाएं हाथ के गेंदबाजों का भी योगदान रहा है। चाहे ब्रिस्बेन मे जहीर खान के पांच विकेट हों जिसने 2003-04 में कप्तान सौरव गांगुली के शतक की तरह लय दिलाई थी। या सिडनी में इरफान पठान के दो विकेट हों, या फिर 2007-08 में पर्थ में पठान द्वारा शुरुआती सफलता दिलाने के बाद आरपी सिंह का कहर बरपाना रहा हो। 2003-04 एडिलेड टेस्ट में आशीष नेहरा ने भी कुछ अहम विकेट लिए थे।

दूसरे दशक में इन लोगों के बाद कोई भी बाएं हाथ का तेज गेंदबाज कुछ खास नहीं कर सका। जयदेव उनादकट, खलील एहमद, बरिंदर सिंह सरण, श्रीनाथ अरविंद या घरेलू स्टार अनिकेत चौधरी प्रभावित नहीं कर सके।

भारतीय टीम में इस समय सभी दाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं और यहां वह मेजबान आस्ट्रेलिया से पीछे रह जाती है। खासकर तब जब स्टीव स्मिथ, डेविड वार्नर की वापसी हुई है और मार्नस लाबुशैन बेहतरीन फॉर्म में हों।

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भारत के बाएं हाथ के पूर्व तेज गेंदबाज इरफान पठान ने आईएएनएस से कहा, "जब तेज गेंदबाजी की बात आती है तो इसमें कोई शक नहीं है कि दोनों टीमें बराबर की हैं। भारत के पास विश्व स्तरीय तेज गेंदबाजी आक्रमण है। लेकिन मुझे लगता है कि आस्ट्रेलिया थोड़ी सी आगे है क्योंकि वह घर में खेल रही है और मिशेल स्टार्क के रूप में उनके पास बाएं हाथ का तेज गेंदबाज है। बाएं हाथ का गेंदबाज विविधता प्रदान करता है, साथ ही दाएं हाथ के बल्लेबाज को एक्रॉस एंगल से गेंद डालता है। मुझे हालांकि लगता है कि यह बहुत थोड़ा सा फायदा है, लेकिन फायदा तो निश्चित तौर पर है।

जब आंकड़ों की बात आती है तो दोनों आक्रमणों ने अच्छा किया है।

एक जनवरी 2018 से, ईशांत ने 18 टेस्ट मैचों में 71 विकेट लिए हैं। शमी ने 22 टेस्ट मैचों में 85 विकेट लिए हैं। बुमराह ने 14 टेस्ट मैचों में 68 विकेट लिए हैं। आस्ट्रेलिया के लिए जोश हेजलवुड ने 16 मैचों में 59 विकेट, पैट कमिंस ने 21 मैचों में 107 विकेट, स्टार्क ने 18 टेस्ट मैचों में 77 विकेट लिए हैं।

स्टार्क ने भारत के खिलाफ खेली गई पिछली सीरीज में अच्छा नहीं किया था। उन्होंने चार टेस्ट मैचों में सिर्फ 13 विकेट लिए थे। इस सीरीज के बाद हालांकि उन्होंने आठ टेस्ट मैचों में 45 विकेट झटके। इनमें से सात टेस्ट उन्होंने आस्ट्रेलिया में ही खेले थे।

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