
जब बाजार में कोई नया स्मार्टफोन लेने जाता है तो ज्यादातर लोगों सिर्फ कैमरा, डिजाइन पर ही ध्यान देते हैं। हालांकि इसके अलावा भी स्मार्टफोन में कई सारी ऐसी चीजें होती हैं जिनके बारे में ठीक से जानकारी लेनी चाहिए। अगर आप 2025 में कोई नया स्मार्टफोन खरीदने की तैयारी कर रहे हैं तो आपको डिजाइन, लुक और कैमरे के साथ साथ उसमें मिलने ववाली रैम के बारे में भी अच्छे से जांच करनी चाहिए।
पहले की तुलना में अब स्मार्टफोन का इस्तेमाल काफी ज्यादा बढ़ चुका है। अब लोग तरह तरह के सोशल मीडिया ऐप्लिकेशन्स, बैंकिंग ऐप्स और दूसरे ऐप्स को इस्तेमाल करते हैं। अगर आपके फोन में स्टोरेज और रैम कैपेसिटी कम है तो आपके फोन की परफॉर्मेंस डाउन हो जाएगी। ऐसे में फोन लेते समय रैम पर जरूर ध्यान देना चाहिए।
रैम और स्टोरेज में अंतर
आपको बता दें कि रैम मेमोरी और फोन में मिलने वाली इंटरनल मेमोरी दोनों अलग अलग होती हैं। रैम को रैंडम एक्सेस मेमोरी कहा जाता है। यह फोन का वह पार्ट होता है जहां पर ऑपरेटिंग सिस्टम को स्टोर किया जाता है। इसमें यूजर्स के द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले ऐप्स के डेटा को स्टोर किया जाता है। वहीं दूसरी तरफ इंटरनल स्टोरेज का इस्तेमाल, ऐप्स, वीडियो, फोटोज, डॉक्यूमेंट्स को स्टोर करने के लिए किया जाता है।
बड़ी रैम से मिलेगी स्मूथ परफॉर्मेंस
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल बढ़ने के बाद से फोन में ज्यादा रैम होना बेहद जरूरी हो गया है। बड़ी रैम के साथ आप AI फीचर्स को भी स्मूथली एंजॉय कर पाएंगे। आपको बता दें कि रैम स्मार्टफोन की शॉर्ट टर्म मेमोरी होती है। जब आप किसी ऐप्लिकेशन को ओपन करते हैं तो यह उसके डेटा और ऐप्स को टेम्पररी रूप से उसे स्टोर कर लेती है। ऐसे में जब आप जब उस ऐप्लिकेशन को दोबारा ओपन करते हैं रैम में डेटा स्टोर होने की वजह से प्रोसेसर उसे तुरंत ओपन कर देता है।
अगर आपके फोन में बड़ी रैम होगी तो आप आसानी से एक साथ कई सारे ऐप्स को चला सकते हैं। इससे फोन की स्पीड भी स्लो नहीं होगी। यूजर्स की जरूरत को देखते हुए कंपनियां अब अपने स्मार्टफोन्स में 6GB तक की कॉमन रैम ममोरी दे रही हैं। कई सारे ब्रैंड तो अब फोन में 12GB और 16GB तक की रैम उपलब्ध करा रहे हैं।