राष्ट्रीय राइफल्स की 34वीं बटालियन से जुड़े वानी आतंकवाद छोड़कर मुख्यधारा में लौट आए थे। वह दो आतंकवादियों का सफाया करने के बाद पिछले साल 25 नवंबर को कश्मीर घाटी में बटगुंड के पास हीरापुर गांव में मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए थे।
कहते हैं ना कि कच्ची उमर का प्यार बड़ा खास होता है। लांस नायक नजीर अहमद वानी और महजबीन के लिए भी उनका प्यार बड़ा ही खास था। 15 साल पहले दक्षिण कश्मीर के स्कूल में पहली नजर में ही दोनों एक दूसरे को दिल दे बैठे थे।
एक समय पर नजीर वानी आतंकवाद के रास्ते पर चल पड़े थे, लेकिन बाद में उन्होंने आतंक का रास्ता छोड़ा और टेरोटोरियल ऑर्मी को ज्वाइन किया
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