दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने शुक्रवार को बताया कि राष्ट्रीय राजधानी के अस्पतालों में बुधवार रात तक ब्लैक फंगस के 197 मामले आए थे।
केंद्र सरकार ने कहा है कि ब्लैक फंगस और व्हाइट फंगस से पीड़ित सभी मरीजों के इलाज के लिए मल्ट-डिसिप्लिनरी अप्रोच की जरूरत है।
कोरोना महमारी के बीच ब्लैक फंगस भी धीरे-धीरे पूरे देशभर में पांव पसार रहा है। देशभर में इस बीमारी ने अबतक साढ़े पांच हजार लोगों को अपनी गिरफ्त में लिया है।
ब्लैक फंगस से पीड़ित लोगों के लिए ICMR ने कुछ गाइडलाइन्स जारी की हैं। इसमें बताया गया है कि कहां कहां सावधानी बरतने की जरूरत है।
ब्लैक फंगस के चार गुना ज्यादा खतरनाक व्हाइट फंगस है। यह शरीर के कई हिस्सों को नुकसान पहुंचाता है।
सत्येंद्र जैन ने कहा कि ब्लैक फंगस 2 कारणों से हो रहा है, पहला ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ना और दूसरा स्टेरॉयड की वजह से इम्युनिटी का कम होना
कोरोना महमारी के बीच ब्लैक फंगस भी धीरे-धीरे पूरे देशभर में पांव पसार रहा है। देशभर में इस बीमारी ने अबतक साढ़े पांच हजार लोगों को अपनी गिरफ्त में लिया है।
लो इम्यूनिटी के कारण आप कोरोना ही नहीं बल्कि कई अन्य संक्रामक रोगों के शिकार हो सकते हैं। इम्यूनिटी को बूस्ट करने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर डाइट के साथ करें इस हर्बल जूस का सेवन।
कोरोना वायरस महामारी के बीच म्यूकोर्मिकोसिस या 'ब्लैक फंगस' के तेजी से मामले बढ़ते जा रहे है। जिसे सरकार ने राज्यों से महामारी घोषित करने को कहा है।
कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से देश में ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ गया है और कई राज्यों में ब्लैक फंगस ने कई मरीजों की जान ले ली है। दिल्ली में विशेष रूप से ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों के बीच कुछ चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि यदि साफ-सुथरे मास्क का इस्तेमाल नहीं किया जाता है तो यह समस्या हो सकती है।
दिल्ली में एक दिन में कोविड-19 के 3,231 नए मामले सामने आए हैं। वहीं, संक्रमण से 233 और लोगों की मौत के बाद शहर में इससे जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 22,579 हो गई।
ब्लैक फंगस के बाद वाइट फंगस के मरीज भी सामने आए हैं, आइए जानते हैं कि इसके लक्षण क्या हैं और कैसे इससे बचा जा सकता है।
कुल मिलाकर कहें तो ब्लैक फंगस से डरने की नहीं बल्कि लड़ने की जरूरत है। हर शख्स को इससे सावधान रहने की जरूरत है।
केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को अहम निर्देश देते हुए कहा है कि ब्लैक फंगस को महामारी कानून के तहत Notifiable disease में अधिसूचित करें और सभी केस रिपोर्ट किए जाएं।
ब्लैक फंगस के लगातार बढ़ते मामलों के बीच एम्स ने गाइडलाइन जारी की है। जिसमें आप ब्लैक फंगस की पहचान और इसका इलाज कर सकते हैं।
ऐसे कोरोना मरीज जिनका शुगर कंट्रोल नहीं रहता, कैंसर का भी उपचार करा रहे हों, अन्य किसी रोग के लिए स्टेरॉयड या एंटीबायोटिक दवा का ज्यादा मात्रा में सेवन कर रहे हों या फिर ऑक्सीजन सपोर्ट पर हों, उन्हें ब्लैक फंगस का ज्यादा खतरा रहता है।
ब्लैक फंगस का खतरा खासतौर पर किडनी, कैंसर, लो इम्यूनिटी, डायबिटीज, आईसीयू, अधिक स्टेरॉयड लेने वाले मरीजों तो अधिक खतरा है। ब्लैक फंगस की समस्या से निजात पाने के लिए समय पर इलाज के साथ योग और प्राणायाम काफी कारगर हो सकता है।
कोरोना वायरस से संक्रमित जो लोग डायबिटीज के शिकार है और स्टेरॉयड का ज्यादा इस्तेमाल करने से भी हो सकता है। इसके अलावा इन लोगों को ब्लैक फंगस का खतरा।
कोरोना के संक्रमण क साथ-साथ ब्लैक फंगस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। कोविड से रिकवर हो चुके लोगों को ब्लैक फंगस की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। जिसके कारण आंखों की रोशनी तक चली जाती हैं।
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में अब तक म्यूकोर मायकोसिस अर्थात ब्लैक फंगस (Black Fungus) के 34 मरीज भर्ती हुए हैं।
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