CAA का भारतीय नागरिकों से सरोकार नहीं हैं। इसमें किसी भी भारतीय की नागरिकता नहीं जाएगी। ये कानून सिर्फ पड़ोसी देशों में जुल्मों की शिकार अल्पसंख्यकों की मदद के लिए हैं। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भागकर भारत आने वाले हिन्दू, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध और पारसियों के लिए हैं।
आज तेलंगाना के हैदराबाद में अमित ने कहा कि देश की आजादी के समय संविधान निर्माताओं ने बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान छोड़ने वाले शरणार्थियों को वादा किया था कि उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाएगी। उसे हम पूरा कर रहे। वहीं, ओवैसी ने इस पर अपनी बात कही है।
देश में CAA लागू होने के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया के कुछ छात्रों ने सोमवार की शाम परिसर में विरोध प्रदर्शन किया था, जिसके बाद वहां सुरक्षा बढ़ा दी गई।
मुस्लिम लीग ने अपनी याचिका में कहा है कि नागरिकता संशोधन नियम मनमाने हैं और केवल धार्मिक पहचान के आधार पर व्यक्तियों के एक वर्ग को अनुचित लाभ देते हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 के तहत भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने के पात्र लोगों के लिए मंगलवार को एक पोर्टल ‘लॉन्च’ किया है।
सोमवार को नागरिकता संसोधन अधिनियम को लागू कर दिया गया। इसके बाद आज मंगलवार को कई मुस्लिम संगठनों ने एक संयुक्त बयान जारी किया है। अपने बयान में उन्होंने सीएए का लागू किए जाने की निंदा भी की है।
उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने साफ शब्दों में कहा है कि CAA के नाम पर कोई भी अगर गड़बड़ी करने की कोशिश करेगा तो उसपर कड़ी कारवाई होगी। डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा है कि यूपी पुलिस की सोशल मीडिया पर खास नजर है।
असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि अगर एनआरसी के लिए आवेदन नहीं करने वाले एक भी व्यक्ति को नागरिकता मिली तो इस्तीफा दे दूंगा। बता दें कि एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने ये बात कही है। दरअसल, सीएए लागू होने के बाद से उनसे एनआरसी को लेकर सवाल किया गया था।
देश में सोमवार को CAA लागू होने के बाद पुलिस ने नवी मुंबई से 8 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। इन सभी की उम्र 20 से 40 वर्ष के बीच है।
CAA यानी सिटीजन अमेंडमेंट एक्ट के भारत में लागू होने पर अमेरिका स्थित हिंदू संगठन ने भी खुशियों का इजहार किया। इस कानून के लागू होते ही भारत में बाहर से आए गैर मुस्लिम लोगों के लिए नागरिकता का रास्ता साफ हो गया है।
बीते कल यानी सोमवार की शाम को CAA नोटिफिकेशन जारी होने के बाद रात से ही केरल में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। केरल में अलग अलग जरह प्रोटेस्ट किया गया। वहीं, राज्य के मुख्यमंत्री ने ऐलान करते हुए कहा कि केरल में नागरिकता संशोधन अधिनियम 2024 यानी CAA लागू नहीं किया जाएगा।
सीएए के विरोध में असम में कई राजनीतिक दलों सरबतमक हड़ताल का आह्वान किया है। अब इन राजनीतिक दलों को गुवाहाटी पुलिस की ओर से कानूनी नोटिस जारी किया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, सीएए को पूर्वोत्तर राज्यों के अधिकांश जनजातीय क्षेत्रों में लागू नहीं किया जाएगा। इनमें संविधान की छठी अनुसूची के तहत विशेष दर्जा प्राप्त क्षेत्र भी शामिल हैं।
लोकसभा चुनावों से पहले पार्टियों की बैठकों का दौर जारी है। सोमवार 11 मार्च को कांग्रेस और बीजेपी के चुनाव समितियों की बैठक हुई। इन बैठकों में कई राज्यों की सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की चर्चा हुई।
जामिया में आज सीएए का विरोध देखने को मिला है। यहां CAA लागू होने के बाद कई छात्र संगठनों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
देश में अब CAA कानून लागू हो गया है। इस ऐलान के बाद दिल्ली में रह रहे शरणार्थी बेहद खुश हैं और होली खेल रहे हैं। बता दें कि मजनू का टीला, यमुना नदी के किनारे पाकिस्तान से आए करीब 150 शरणार्थी परिवार रहे हैं।
केरल के सीएम ने सीएए को लेकर बड़ा ऐलान किया है। सीएम ने कहा कि वो राज्य में सीएए कानून लागू नहीं होने देंगे। पिनाराई विजयन ने इस कानून की जमकर आलोचना की।
कानून के लागू होने के बाद पूरे देश में शरणार्थियों के बीच खुशी की लहर दौड़ पड़ी। सबसे ज्यादा खुशी सीमा हैदर को हुई। कानून लागू होने से सीमा हैदर को उम्मीद है कि उन्हें भी भारत की नागरिकता मिल जाएगी।
लोकसभा चुनावों से पहले केंद्र सरकार ने CAA का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। अब पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत में 2014 से पहले आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता मिलना शुरू हो जाएगी।
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) की अधिसूचना जारी होने पर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सीएए विभाजनकारी है और गोडसे की सोच पर आधारित है, जो मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाना चाहता है।
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