कोयला, प्राकृतिक गैस, रिफायनरी प्रोडक्ट, स्टील, सीमेंट और बिजली उत्पादन में बढ़त देखने को मिली है। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में आठों कोर सेक्टर की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत है।
पिछले साल अप्रैल में भारत का कोयला आयात 1.70 करोड़ टन रहा था। अप्रैल में कुल आयात में नॉन-कोकिंग कोयले का हिस्सा 1.53 करोड़ टन रहा है
जनवरी में भारत का कोयला आयात बढ़कर 2 करोड़ टन से अधिक रहा, जो एक साल पहले समान महीने में 1.86 करोड़ टन रहा था। जनवरी में कोयले के कुल आयात में नॉन कोकिंग कोयले का हिस्सा 1.27 करोड़ टन और कोकिंग कोयले का हिस्सा 56.2 लाख टन रहा।
नवंबर महीने देश का कोयला आयात पिछले वित्त वर्ष के 217.2 लाख टन से कम होकर 203.5 लाख टन पर आ गया। रिपोर्ट के मुताबिक नवंबर 2020 में प्रमुख व अन्य बंदरगाहों से भारत का कोयला व कोक आयात नवंबर 2019 की तुलना में 6.3 प्रतिशत कम हुआ।
फिलहाल भारत 72.9 करोड़ टन कोयले का उत्पादन कर रहा है। मांग पूरा करने के लिए पिछले साल भारत ने 24.7 करोड़ टन कोयले का आयात किया था और इसपर 1.58 लाख करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा खर्च की थी।
नवंबर के महीने के दौरान कोल इंडिया द्वारा बिजली क्षेत्र को की गई ईंधन की आपूर्ति 3.938 करोड़ टन पर स्थिर रही। पिछले साल के इसी महीने में कोल इंडिया द्वारा कोयले की आपूर्ति 3.912 करोड़ टन हुई थी।
यह लगातार आठवां महीना है, जब इन क्षेत्रों का उत्पादन कम हुआ है, इस दौरान कोयला, उर्वरक, सीमेंट और बिजली क्षेत्रों में वृद्धि दर्ज की गयी। अक्टूबर 2019 में इन आठ क्षेत्रों के उत्पादन में 5.5 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।
पिछले 10 चरणों में कुल 35 कोयला खदानों की सफलतापूर्वक नीलामी की गयी। इसमें से केवल 14 ब्लॉक में परिचालन शुरू हो सका। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल जून में वाणिज्यिक खनन के लिये 41 कोयला खदानों के लिये नीलामी प्रक्रिया की शुरूआत की थी।
ताप बिजली संयंत्रों तथा अन्य उद्योगों की उपभोग मांग में सुधार से सितंबर में देश का कोयला आयात 11.6 प्रतिशत बढ़कर 1.90 करोड़ टन से अधिक रहा है।
अपैल से अगस्त के बीच तापीय कोयला आयात 25.42 प्रतिशत घटकर 2.893 करोड़ टन, जबकि कोकिंग कायले का आयात 31.87 प्रतिशत घटकर 1.684 करोड़ टन रहा।
वित्त वर्ष के पहले पांच माह (अप्रैल-अगस्त) में कोयले का आयात 32.51 प्रतिशत घटकर 7.30 करोड़ टन रह गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 10.82 करोड़ टन था।
कंपनी ने कहा कि नया कार्यक्रम ई-नीलामी की मौजूदा चार श्रेणियों के अतिरिक्त है। इसमें सिर्फ आयातक खरीदार ही हिस्सा ले सकेंगे।
पहली तिमाही में कोकिंग कोल के आयात में भी गिरावट दर्ज हुई
निजी कंपनियों के लिये कोयला क्षेत्र को खोले जाने से तीन लाख से अधिक रोजगार मिलने की उम्मीद
कोयला और रिफायनरी प्रोडक्ट के बेहतर प्रदर्शन से कोर सेक्टर को मिला सहारा
पावर सेक्टर में तेजी के संकेतों से कोर सेक्टर को मिला फायदा
बिजली क्षेत्र में कोल इंडिया से कोयला की सप्लाई 6.8 प्रतिशत कम
दिसंबर के महीने में कोर सेक्टर में बढ़त दर्ज हुई है।
सरकारी कंपनी कोल इंडिया की विशेष ई-नीलामी के जरिए बिजली क्षेत्र को आवंटित होने वाले कोयले में गिरावट आई है।
सरकार ने कोल इंडिया को अगले दो- तीन साल के दौरान कोयला खदानों से कम से कम प्रतिदिन 20 लाख घनमीटर प्राकृतिक गैस उत्पादन करने को कहा है।
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