पहले जेपी मॉर्गन ने इसी साल फरवरी में कहा था कि इस साल तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचने की संभावना नहीं है।
OPEC और उसके सहयोगी देशों (ओपेक प्लस) ने कहा कि वे अगले महीने 1,00,000 बैरल प्रतिदिन उत्पादन बढ़ाएंगे जबकि जुलाई और अगस्त में यह 6,48,000 बैरल प्रतिदिन था।
आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 25 रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, कच्चा तेल 1 डॉलर प्रति बैरल महंगा होने पर देश में पेट्रोल-डीजल के दाम औसतन 55-60 पैसे प्रति लीटर बढ़ जाते हैं।
पिछले साल जनवरी में भारत ने कच्चे तेल के आयात पर 7.7 अरब डॉलर खर्च किए थे। फरवरी में कच्चे तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल को पार कर गईं।
तीन नवंबर को केन्द्र सरकार के द्वारा पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कटौती की थी। जिसके बाद से कीमतों में लगातार बढ़त से राहत मिल रही है।
पिछले साल की तुलना में इस वर्ष के पहले सात महीनों में श्रीलंका का तेल बिल 41.5 प्रतिशत बढ़कर दो अरब डॉलर हो गया है।
तेल की कीमतें वृद्धि के साथ 83 डॉलर प्रति बैरल हो गयी है और कोयले की कीमत भी उछाल के साथ 200 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गयी है।
ब्रेंट क्रूड की कीमत 79 डॉलर प्रति बैरल के स्तर को पार कर गयी है। बीते एक महीने में क्रूड की कीमत में 11 प्रतिशत से ज्यादा का उछाल दर्ज हुआ है।
प्राकृतिक गैस का उत्पादन अगस्त में 20 प्रतिशत बढ़कर 2.9 अरब घन मीटर रहा। वहीं जून के महीने में खनिजों का उत्पादन 23 प्रतिशत बढ़ा है।
तूफान के असर से गल्फ ऑफ मैक्सिको से होने वाले उत्पादन का 75 प्रतिशत हिस्सा अभी भी बंद है जो कि करीब 14 लाख बैरल प्रतिदिन है ।
देश के सबसे बड़े तेल और गैस उत्पादक ओएनजीसी ने जुलाई के दौरान 16 लाख टन कच्चे तेल का उत्पादन किया। ये पिछले साल के मुकाबले 4 प्रतिशत कम है
ब्रेंट की कीमत फिलहाल करीब 3 महीने के निचले स्तरों पर पहुंच गयी हैं। ये लगातार छठा दिन रहा है, जब कीमतों में गिरावट देखने को मिली है। इस दौरान ब्रेंट करीब 6 प्रतिशत टूट गया है।
एक से सात अगस्त के दौरान देश का कच्चे तेल का आयात 141 प्रतिशत बढ़कर 1.80 अरब डॉलर पर पहुंच गया। वहीं सोने का आयात 12.48 प्रतिशत घट गया।
ब्रेंट क्रूड बीते हफ्ते करीब 6 प्रतिशत लुढ़का था। ये बीते 4 महीने में ब्रेंट के लिये सबसे गिरावट वाला हफ्ता साबित हुआ। इसके साथ ही डब्लूटीआई में बीते हफ्ते 7 प्रतिशत की गिरावट रही है
ब्रेंट क्रूड जुलाई के अपने उच्चतम स्तर से करीब 8 प्रतिशत टूट चुका है। तेल उत्पादक देशों के द्वारा उत्पादन बढ़ाने के ऐलान के बाद कच्चे तेल में नरमी दर्ज हुई है।
ओपेक देश के बीच रखे गये प्रस्ताव के मुताबिक कीमतों में कमी के लिये उत्पादन को 20 लाख बैरल प्रति दिन बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। जिसपर अब सहमति की उम्मीद बन गयी है।
देश के 18 से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पेट्रोल ने 100 रुपये प्रति लीटर का आंकड़ा पार कर लिया है। जबकि राजस्थान और ओडिशा में डीजल 100 रुपये प्रति लीटर से अधिक के दाम पर बिक रहा है।
बीते करीब 6 हफ्तों में ही पेट्रोल 10.24 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया है। वहीं डीजल 8.83 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है।
ओएनजीसी का उत्पादन चक्रवात ‘ताउते’ की वजह से माह के दौरान करीब दस प्रतिशत कम रहा है। केजी डी6ब्लॉक से उत्पादन बढ़ने से गैस उत्पादन मे बढ़त दर्ज हुई है।
रिसर्च रिपोर्ट की माने तो अगले 18 महीनों के दौरान दुनिया भर में तेल की मांग में बढ़त तेल के उत्पादन में बढ़त की दर को पीछे छोड़ सकती है. इससे इन्वेंटरी में गिरावट आयेगी और कीमतों में बढ़त देखने को मिलेगी।
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