तबाही के इस खौफनाक मंजर के बीच अब भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। संकट की इस घड़ी में तुर्की के साथ भारत मजबूती के साथ खड़ा है। इंडियन आर्मी और NDRF की टीमें ऑपरेशन दोस्त के तहते तुर्की में रेस्क्यू ऑपरेशन कर रही हैं और तबाही के जख्मों पर मरहम लगा रही हैं।
तुर्की और सीरिया के विनाशकारी भूकंप में मदद करने के मामले में भारत सबसे आगे निकल चुका है। लिहाजा तुर्की और सीरिया भारत की इस मदद के मुरीद हो गए हैं। तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तेइप एर्दोगन ने तो यह तक कह दिया कि वैसे तो हमारे बहुत दोस्त बनते थे, लेकिन जो "मुसीबत के वक्त काम आए वही असली दोस्त है।"
तुर्की और सीरिया के विनाशकारी भूकंप में अब तक 21 हजार से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। सीरिया में इसी त्रासदी के दौरान एक गर्भवती मां मलबे के नीचे दबकर अपनी जान गवां बैठी। मगर वह इसी वक्त एक बच्ची को जन्म दे गई। यह नवजात भी मलबे में दबी थी। इस नवजात के माता-पिता और भाई-बहन भूकंप में मारे जा चुके हैं।
विनाशकारी भूकंप से अब तक 21000 लोगों की मौत हो चुकी है। मलबे के नीचे बड़ी संख्या में लोगों के दबे हुए शव निकाले जा रहे हैं। इसी बीच भारत ने सबसे पहले तुर्की को मदद के लिए 'ऑपरेशन दोस्त' के तहत मदद पहुंचाई है।
तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप में भारत तुर्की का सबसे बड़ा मददगार साबित हुआ है। सेना के कई विमान और भारी मात्रा में दवाएं, राहत सामग्री व चिकित्सक और राहत दल पहले दिन से ही तुर्की में मानवता की मदद कर रहे हैं।
सीरिया के सराकिब शहर के अहमद इदरीस से भूकंप ने सब कुछ छीन लिया है। उनके परिवार के 25 लोगों की इस भूकंप की वजह से मौत हुई है। मरने वालों में इदरीस की बेटी, दामाद, बेटे और पोता शामिल है।
तुर्की और सीरिया में सोमवार को आए भूकंप की वजह से हजारों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। हॉस्पिटल घायलों से पटे पड़े हैं और रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार चलाया जा रहा है।
तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप के रोंगटे खड़े कर देने वाले वीडियो सामने आ रहे हैं। तबाही का ऐसा तांडव देखकर हर किसी का कलेजा फटा जा रहा है और आत्मा रो रही है। तुर्की और सीरिया में भूकंप के अब 3 दिन हो चुके हैं। इसके बावजूद चमत्कारिक रूप से काफी संख्या में लोगों को जिंदा निकाला जा रहा है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमें एक भारतीय नागरिक के लापता होने की जानकारी है जो वहां कारोबार से जुड़े कामों के लिये गया था।
तुर्की और सीरिया में आए भूकंप के बाद अब तक का सबसे बड़ा चमत्कार नजर आया है। बचाव और राहत दल ने मलबे के नीचे दबी 2 माह की बच्ची को रेस्क्यू किया है। राहत दल भी इस बच्ची को जिंदा देखकर हैरान रह गया। मौके पर भारी संख्या में राहत और बचाव दलों के साथ स्थानीय लोग भी मौजूद रहे।
तुर्की में आए 7.8 की तीव्रता के भूकंप में भारी नुकसान हुआ है। इसके कारण तुर्की के एक स्टार फुटबॉल खिलाड़ी की मौत हो गई।
इस हादसे के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो और अन्य अधिकारियों तुर्की के साथ एकजुटता दिखाने के लिए भूकंप प्रभावित इलाकों का दौरा करना चाहते थे।
सीरिया में भूकंप से मची भीषण तबाही के बाद उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग ने सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद को एक ध्वनि संदेश में शोक संवेदना जताई है। किम जोंग ने कहा है कि जल्द ही लोगों का जीवन स्थिर होगा।
सोमवार को आए इस शक्तिशाली भूकंप का केंद्र तुर्की के गाजियांटेप शहर के पास करीब 17.9 किलोमीटर की गहराई में था। इस शहर में लगभग 20 लाख लोग रहते हैं।
आधुनिक समय में विज्ञान और तकनीक की मदद से हम चांद तक पहुंच चुके हैं लेकिन भूकंप से पहले उसका अनदजा नहीं लगाया जा सकता है। भूकंप से भारी तबाही होती है लेकिन अगर हम कुछ बातों का ख्याल रखें तो नुकसान को कम या रोका भी जा सकता है।
भूकंप ने तुर्की और सीरिया को भारी नुकसान पहुंचाया है। यहां की हजारों इमारतें जमींदोज हो चुकी हैं और मलबे के नीचे अभी भी हजारों लोगों के दबे होने की आशंका है। इस प्राकृतिक आपदा से अब तक हजारों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। भारत लगातार मौके पर मदद पहुंचा रहा है।
तुर्की और सीरिया में 6 फरवरी को आए भूकंप से हजारों लोगों की मौत हुई है। मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है और यहां के अस्पतालों में घायलों को जगह भी नहीं मिल पा रही है क्योंकि अस्पताल पहले से ही फुल हैं।
तुर्की और सीरिया के भयावह भूकंप को आए दो दिन होने को हैं। राहत और बचाव दल लगातार मलबे के नीचे दबे लोगों को जीवित निकालन के प्रयास में जुटे हैं। मंगलवार को राहत दलों ने उत्तर सीरिया में 40 घंटे तक मलबे में दबे एक पूरे परिवार को जीवित निकालने में सफलता पाई है। आखिर में परिवार के दो बच्चों तकबीर और जॉय को जिंदा निकाला।
तुर्की और सीरिया के विनाशकारी भूकंप में पीड़ितों को आपातकालीन राहत पहुंचाने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया है। करीब 6 टन आपातकालीन राहत सामग्री और दवाएं लेकर 99 सदस्यों की मेडिकल टीम के साथ भारत का एक अन्य विमान सीरिया के लिए रवाना हो गया है। तुर्की के लिए भी ऐसा ही विमान भारत ने भेजा है।
तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप के वीडियो और तस्वीरें बेहद डरावने हैं। एक बड़े पत्थर के मलबे में दबी 7 वर्षीय एक बच्ची की तस्वीर अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसने अपने नन्हें भाई को आगोश में छुपाए रखा है। ताकि मौत उसका बाल बांका न कर सके। इस पत्थर के नीचे अपने भाई के समेत यह बच्ची 17 घंटे तक दबी रही।
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