तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के स्थान पर मतपत्र वापस लाने की मांग करते हुए कहा कि लोकतंत्र को बचाने एवं चुनाव के दौरान कालेधन के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए देश में चुनाव सुधार जरूरी हैं।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने सोमवार को सोनिया गांधी से मुलाकात की और EVM के मुद्दे पर चर्चा की। पिछले एक दशक से भी ज्यादा समय में राष्ट्रीय राजधानी में पहली बार आए राज ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र का चुनाव मत पत्र से होना चाहिए।
लोकसभा चुनावों को खत्म हुए एक महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है लेकिन EVM से जुड़े विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर हुई चर्चा के बाद जवाब देने के साथ-साथ EVM के मुद्दे को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा और 'एक देश, एक चुनाव' की वकालत भी की।
बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने रविवार को आरोप लगाया कि हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में आए एकतरफा चुनाव परिणाम अप्रत्याशित और जन-अपेक्षा के विपरीत हैं और यह बिना सुनियोजित गड़बड़ी तथा धांधली के संभव नहीं है।
वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) ने मंगलवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुये महाराष्ट्र विधानसभा का आगामी चुनाव मतपत्रों के जरिए कराने की मांग की।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के 20 साल होने के अवसर पर कार्यकर्ताओं के सम्मेलन को संबोधित करते हुए पवार ने कहा कि यह पता लगाने की जरूरत है कि एक मतदाता द्वारा अपनी पसंद के पार्टी उम्मीदवार के नाम के आगे बटन दबाने के बाद वास्तव में क्या आता है और वीवीपैट में क्या दिखता है।
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी ने शनिवार को कहा कि ईवीएम-वीवीपैट प्रणाली में छेड़छाड़ की कोई संभावना नहीं है लेकिन चुनाव आयोग को विपक्ष और लोगों को समझाकर उसके बारे में संदेह को दूर चाहिए।
समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खां ने बुधवार को चुनाव आयोग पर तंज कसा और सवाल किया कि चुनाव आयोग पर किसी को भरोसा क्यों नहीं है?
‘‘ ईवीएम का विरोध देश की जनता के जनादेश का अनादर है। हार से बौखलाई यह 22 पार्टियां देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सवालिया निशान उठा कर विश्व में देश और अपने लोकतंत्र की छवि को धूमिल कर रही हैं। ’’
विपक्ष को पराजय का आभास मिल चुका है, ऐसे में हताशा में ईवीएम पर निशाना साधकर वह एक तरह से दिवालियेपन का परिचय दे रहा है।’’
चुनाव नतीजों से पहले बिना किसी सबूत और बिना किसी ठोस आधार के चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाना लोकतन्त्र का अपमान है।
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के इस्तेमाल से न सिर्फ मतदान और मतगणना में लगने वाला समय कम हुआ है, मतगणना के मौके पर आम तौर पर दिखाई देने वाला जोश एवं रोमांच भी सिमट सा गया है।
वाराणसी, गोंडा, मथुरा, फतेहाबाद से निगरानी की खबरें सामने आईं हैं। कहीं कांग्रेस प्रत्याशी तो कहीं पर गठबंधन के उम्मीदवार अपने समर्थकों के साथ स्ट्रॉंग रूम की निगरानी में जुटे हैं।
लोकसभा चुनावों के खत्म होने के बाद जैसे ही एग्जिट पोल के नतीजे जारी हुए, ईवीएम का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया।
विपक्षी नेताओं की एकता की खबर हो या संभावित मोदी लहर के असर की, हर सियासी हलचल की अपडेट पाने के लिए हमारे साथ बने रहें।
लोकसभा चुनावों की मतगणना से महज दो दिन पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में कथित छेड़छाड़ की खबरें सामने आने के बाद मंगलवार को राजनीतिक विवाद पैदा हो गया।
भारत का चुनाव आयोग सशक्त और स्पष्ट रूप से स्पष्ट करना चाहेगा कि इस तरह की सभी रिपोर्ट और आरोप तथ्यात्मक रूप से बिल्कुल गलत हैं।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने विपक्षी दलों के EVM से छेड़छाड़ के आरोपों के बीच एक बयान जारी कर चुनाय आयोग की जिम्मेदारियों का जिक्र किया।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने मंगलवार को पहले से निर्धारित दिल्ली का अपना दौरा रद्द कर दिया।
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