Saturday, April 20, 2024
Advertisement

ईवीएम में ‘छेड़छाड़’ की शिकायतों पर सियासी विवाद, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने जताई चिंता

लोकसभा चुनावों की मतगणना से महज दो दिन पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में कथित छेड़छाड़ की खबरें सामने आने के बाद मंगलवार को राजनीतिक विवाद पैदा हो गया।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: May 21, 2019 22:57 IST
EVM Row- India TV Hindi
EVM Row

लखनऊ/नयी दिल्ली: लोकसभा चुनावों की मतगणना से महज दो दिन पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में कथित छेड़छाड़ की खबरें सामने आने के बाद मंगलवार को राजनीतिक विवाद पैदा हो गया। विपक्ष ने चुनाव आयोग से अपील की है कि वह मतगणना में पूरी पारदर्शिता बरते। इस पूरे मामले में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी दखल दिया और कहा कि इन वोटिंग मशीनों को लेकर चल रही तमाम अटकलों पर विराम लगाने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की है। उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में इस मुद्दे पर हुए विरोध प्रदर्शन के बाद विपक्ष को ईवीएम में पड़े वोटों का मिलान वीवीपीएटी की पर्चियों से करने के आंकड़े को बढ़ाने के लिए आयोग पर दबाव बनाने का एक और मौका मिल गया। विपक्ष ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर पहले भी चुनाव आयोग से भिड़ता रहा है। 

ईवीएम को कथित तौर पर इधर-उधर ले जाने और इन मशीनों से छेड़छाड़ के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विरोध प्रदर्शन होने लगे। विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कांग्रेस ने कहा कि चुनाव आयोग को देश के विभिन्न हिस्सों में स्ट्रॉंगरूमों से ईवीएम को लाने-ले जाने की शिकायतों के निदान के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाने चाहिए। हालांकि, चुनाव आयोग ने इस आरोप को ‘‘ओछा’’ और ‘‘अवांछित’’ करार दिया। चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि 11 अप्रैल को शुरू और 19 मई को खत्म हुए सात चरणों के चुनाव के लिए इस्तेमाल की गई वोटिंग मशीनें स्ट्रॉंगरूमों में ‘‘पूरी तरह सुरक्षित’’ हैं। ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं कि गुरूवार को मतगणना से पहले चुनावों में इस्तेमाल हुई वोटिंग मशीनों की जगह नई ईवीएम रखी जा रही हैं। चुनाव आयोग ने बयान जारी कर स्पष्ट किया कि ऐसी सभी खबरें और आरोप ‘‘पूरी तरह गलत और तथ्यात्मक तौर पर सच्चाई से परे हैं।’’ 

आयोग ने कहा कि टीवी और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे दृश्यों का चुनाव के दौरान इस्तेमाल की गईं ईवीएम से कोई लेना-देना नहीं है। इस पूरे विवाद में दखल देते हुए पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने ईवीएम संबंधी विवाद को लेकर मतदाताओं के फैसले से कथित छेड़छाड़ पर चिंता जताई और कहा कि संस्थागत सत्यनिष्ठा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग पर है और उसे सभी अटकलों पर विराम लगाना चाहिए। मुखर्जी ने यह भी कहा कि भारतीय लोकतंत्र के मूल आधार को चुनौती देने वाली किसी भी अटकल के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। उन्होंने ट्विटर हैंडल पर जारी एक बयान में कहा, ‘‘मैं मतदाताओं के फैसले से कथित छेड़छाड़ की खबरों पर चिंतित हूं। आयोग की देखरेख में मौजूद इन ईवीएम की सुरक्षा की जिम्मेदारी आयोग की है।’’ मुखर्जी ने कहा कि जनादेश अत्यंत पवित्र होता है और इसमें लेशमात्र भी संशय नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘इस मामले में संस्थागत सत्यनिष्ठा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी भारतीय चुनाव आयोग पर है। उसे उन्हें पूरा करते हुए सभी अटकलों पर विराम लगाना चाहिए।’’ पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी ने लोकसभा चुनाव ‘‘शानदार’’ तरीके से कराने के लिए सोमवार को चुनाव आयोग की तारीफ की थी। 

दूसरी ओर, राजनीतिक पार्टियों ने अपने नेताओं, उम्मीदवारों और कार्यकर्ताओं को सभी जिलों में उन जगहों पर चौकस रहने का निर्देश दिया है जहां चुनावों में इस्तेमाल की गयी ईवीएम रखी हैं। भाजपा ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने के लिए विपक्षी पार्टियों की निंदा की और उनसे कहा कि यदि जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार को फिर से सत्ता में लाने का जनादेश देती है तो विपक्षी पार्टियों को गरिमा के साथ इसे स्वीकार करना चाहिए। एग्जिट पोलों (चुनाव बाद सर्वेक्षणों) में दिखाया गया है कि भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए सरकार सत्ता में बरकरार रहेगी। भाजपा नेता एवं केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जब ममता बनर्जी, एन चंद्रबाबू नायडू, अमरिंदर सिंह और अरविंद केजरीवाल जैसे नेता चुनाव जीतकर सत्ता में आते हैं तो ईवीएम ठीक रहती हैं, लेकिन जब लगता है कि ‘‘मोदी की सत्ता में वापसी हो जाएगी तो ईवीएम अविश्वसनीय हो जाती हैं।’’ 

कांग्रेस, द्रमुक, तेदेपा और बसपा सहित 22 विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने दिल्ली में चुनाव आयोग से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंप कर मांग की कि वोटों की गिनती से पहले औचक तरीके से चुने गए पांच मतदान केंद्रों की वीवीपीएटी पर्चियों का सत्यापन कराया जाए। उन्होंने यह मांग भी की कि यदि वीवीपीएटी के सत्यापन के दौरान कोई विसंगति पाई जाती है तो उस विधानसभा क्षेत्र के सभी मतदान केंद्रों की वीवीपीएटी पर्चियों की 100 फीसदी गिनती की जाए और उनकी तुलना ईवीएम के नतीजों से की जाए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हमने चुनाव आयोग से कहा कि पहले वीवीपैट मशीनों की गिनती होनी चाहिए और यदि कोई विसंगति पाई जाए तो उस क्षेत्र में सभी की गणना कराई जाए।’’ 

आजाद के सहकर्मी एवं पार्टी के नेता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि महीनों से चुनाव आयोग से किए जा रहे अनुरोध के बावजूद आयोग ने अब जाकर कहा है कि वह बुधवार को इस मुद्दे पर चर्चा के लिए बैठक करेगा। तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा, ‘‘हम चुनाव आयोग से कह रहे हैं कि वह जनादेश का सम्मान करे। इससे हेराफेरी नहीं की जा सकती।’’ बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में ईवीएम से जुड़ी धांधली बड़े पैमाने पर हुई है। उन्होंने केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की मांग की। विपक्षी पार्टियों ने मतगणना से पहले ईवीएम को लाने-ले जाने के मुद्दे पर चिंता जाहिर की और चुनाव आयोग से अनुरोध किया कि वह इस मामले की जांच करे। इस बीच, उच्चतम न्यायालय ने वह जनहित याचिका खारिज कर दी जिसमें 23 मई को होने वाली मतगणना के दौरान ईवीएम के आंकड़ों के साथ वीवीपैट मशीनों की पर्चियों का शत प्रतिशत मिलान करने की मांग की गई थी। 

ईवीएम को लाने-ले जाने और उनसे कथित छेड़छाड़ के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद गाजीपुर, चंदौली और डुमरियागंज में विभिन्न पार्टियों ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया। उनका आरोप है कि ईवीएम मशीनों को स्ट्रॉंगरूम के बाहर ले जाया जा रहा है। कांग्रेस प्रवक्ता राजीव शुक्ला ने कहा कि ईवीएम को लाने-ले जाने के बारे में शिकायतें देश के अलग-अलग हिस्सों से आ रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, पंजाब - इन राज्यों से शिकायतें आ रही हैं कि स्ट्रॉंगरूमों से ईवीएम मशीनें ले जाई जा रही हैं। लोगों का संदेह और गुस्सा बढ़ रहा है।’’ शुक्ला ने कहा कि तर्क दिया जा रहा है कि वे रिजर्व मशीनें हैं, लेकिन फिर भी इन ईवीएम को उम्मीदवारों के प्रतिनिधियों को दिखाया जाना चाहिए। उत्तर प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी वेंकटेश्वरलू ने ईवीएम में छेड़छाड़ की आशंका को खारिज किया। उन्होंने कहा, ‘‘स्ट्रॉंग रूमों में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। उम्मीदवारों को अपने प्रतिनिधियों के जरिए स्ट्रॉंग रूमों पर नजर रखने की अनुमति रहती है। सारी आशंकाएं निराधार हैं।’’ 

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Lok Sabha Chunav 2019 News in Hindi के लिए क्लिक करें चुनाव 2024 सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement